लाइफ स्टाइल डिजीज समेत गंभीर बीमारी से जूझ रहे लोगों के लिए अच्छी खबर है। केंद्र सरकार ने टीबी, हार्ट डिजीज, कैंसर, डायबिटीज समेत 384 जरूरी दवाओं की कीमत करने का निर्देश दवा कंपनियों को दिया है। सरकार ने इन जरूरी दवाओं को राष्ट्रीय आवश्यक औषधि सूची (एनएलईएम) में शामिल करने का निर्देश दिया है। इस अहम फैसले से आने वाले दिनों में कई बीमारियों की दवाएं सस्ती होंगी। इनमें पेटेंट दवाएं भी शामिल हैं। दी गई जानकारी के मुताबिक, केंद्र सरकार द्वारा ऐसी ही 384 महत्वपूर्ण जीवनरक्षक दवाओं को अधिसूचित कर उन्हें मूल्य नियंत्रण के दायरे में लाया गया है।
सभी अस्पतालों में स्टॉक रखना जरूरी
केंद्र सरकार की ओर से 12 नवंबर को अधिसूचित इस संशोधित सूची के साथ, सभी सरकारी और निजी अस्पतालों को इन दवाओं का एक बड़ा स्टॉक रखना आवश्यक है। इससे अस्पताल में इलाज कराने वाले रोगियों को मुफ्त में ये दवाएं मिल पाएंगी। सूची में 34 अतिरिक्त दवाएं हैं, जबकि रैनिटिडीन, एटेनोलोल और मेथिल्डोपा जैसी 26 दवाओं को हटा दिया गया है। दवाओं को उनकी लागत, जरूरत और उपलब्धता के आधार पर जोड़ा या हटाया जाता है।
सूची में इन प्रमुख दवाओं को किया गया शामिल
जरूरी दवाओं की सूची में एनेस्थीसिया में उपयोग की जाने वाली दवाएं, नेत्र संबंधी दवाएं, इम्यूनोसप्रेसिव सहित कैंसर की दवाएं, दर्द की दवाएं, गठिया के इलाज के लिए उपयोग की जाने वाली दवाएं, तंत्रिका संबंधी विकारों और हृदय संबंधी दवाओं में उपयोग की जाने वाली दवाओं को शामिल किया गया है। इसके अलावा नशे की लत छुड़वाने वाली दवाएं जैसे बुप्रेनोरफिन, निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी, हृदय रोगों व स्ट्रोक में काम आने वाली डाबिगाट्रान और इंजेक्शन टेनेक्टे प्लस को शामिल किया गया है।
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