दिल्ली उच्च न्यायालय ने ‘शरबत दिल अफजा’ नाम के पेय पदार्थ के उत्पादन एवं बिक्री पर तब तक के लिए रोक लगा दी है जब तक कि ‘रूह अफजा’ की निर्माता हमदर्द दवाखाना की याचिका का निपटारा नहीं हो जाता। इस याचिका में हमदर्द ने ट्रेडमार्क के कथित उल्लंघन का आरोप लगाया है। न्यायूमर्ति विभू बाखरू और न्यायूमर्ति अमित महाजन की पीठ ने कहा कि प्रथम दृष्टया ‘रूह अफजा’ एक सदी से भी अधिक समय से हमदर्द की पहचान बना हुआ है और इसने अच्छी साख कमाई है। पीठ ने कहा कि यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि प्रतिस्पर्धी इस चिह्न से एक सुरक्षित दूरी बनाए रखें।
हमदर्द ने अपील दायर की थी
इससे पहले एकल न्यायाधीश की पीठ ने ‘दिल अफजा’ की विनिर्माता सदर लैबोरेटरीज को कथित ट्रेडमार्क उल्लंघन से रोकने के लिए अंतरिम आदेश देने से इनकार कर दिया था। इस आदेश के खिलाफ हमदर्द ने अपील दायर की थी। अदालत ने 21 दिसंबर के आदेश में कहा, ‘‘किसी भी व्यक्ति को ‘दिल अफजा’ के लेबल का देखकर ‘रूह अफजा’ की याद आएगी क्योंकि ‘अफजा’ शब्द एक है और अंग्रेजी में अनुवाद करने पर ‘रूह’ और ‘दिल’ के अर्थ का संयोजन के तौर पर इस्तेमाल होता है।’’
रंग और बोतल भी एक सी
अदालत ने कहा कि इसके अलावा शरबत का रंग और बोतल भी एक सी हैं। अदालत ने कहा कि याचिका के निपटारे तक ‘दिल अफजा’ चिह्न के तहत शरबत और पेय पदार्थों का विनिर्माण एवं बिक्री पर रोक रहेगी।
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