नई-पुरानी इनकम टैक्स रिजीम को लेकर मन में कई सवाल! आप अपने सभी सवालों के जवाब 2 मिनट में यहां पढ़ें
बजट 2023 ने नई कर व्यवस्था के तहत मूल छूट सीमा को 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दिया है। इससे आपके 2500 रुपये टैक्स बचेंगे।
आम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा नई इनकम टैक्स व्यवस्था (न्यू इनकम टैक्स रिजीम) में किए गए बदलाव के बाद ज्यादातर टैक्सपेयर्स के मन में कई सवाल उठ रहे हैं। अगर आप भी नौकरीपेशा वर्ग से हैं तो जरूर आपके मन में भी न जाने कितने सवाल होंगे कि पुरानी और नई कर व्यवस्था में कौन बेहतर है? किसको चुनना फायदे का सौदा होगा? बजट में किए गए बदलाव का हमारे ऊपर क्या असर होगा? तो चलिए हम आपके मन में उठ रहे सभी सवालों के जवाब देने की कोशिश करते हैं। हमें यकीन है कि आप इन जवाबों को पढ़कर अपनी जानकारी को दुरुस्त कर लेंगे।
सवाल: संशोधित नई कर व्यवस्था के तहत आयकर स्लैब और टैक्स की दरें क्या हैं?
बजट 2023 के अनुसार, नई आयकर व्यवस्था के तहत आयकर स्लैब और टैक्स की दरें इस प्रकार होंगे।
सवाल: अगर मैं इस साल नई कर व्यवस्था चुनता हूं, तो क्या मैं अगले साल पुरानी कर व्यवस्था में बदल सकता हूं?
हां, एक व्यक्ति अगले साल पुरानी कर व्यवस्था में बदल सकता है, बशर्ते उसके पास बिजनेस से आय न हो।
सवाल: नई कर व्यवस्था के तहत आयकर छूट की सीमा कितनी बढ़ाई गई है?
बजट 2023 ने नई कर व्यवस्था के तहत मूल छूट सीमा को 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दिया है। इससे आपके 2500 रुपये टैक्स बचेंगे।
सवाल: नई कर व्यवस्था के तहत अधिभार राशि क्या है?
उच्चतम अधिभार दर (हाईएस्ट सरचार्ज राशि) जो पहले 5 करोड़ रुपये से अधिक आय वाले लोगों पर लागू होती थी, 37% थी अब इसे घटाकर 25% कर दिया गया है। नतीजतन, 1 अप्रैल, 2023 से 2 करोड़ रुपये से अधिक की आय पर 25% अधिभार लागू होगा।
सवाल: संशोधित नई कर व्यवस्था में क्या बदलाव हैं?
- नई आयकर व्यवस्था के तहत, मूल छूट राशि को 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दिया गया है।
- न्यू टैक्स रिजीम को डिफ़ॉल्ट विकल्प बन दिया है। हालांकि, करदाता के पास पिछले कर ढांचे में लौटने का विकल्प होगा।
- नई कर व्यवस्था के तहत, आयकर स्लैब संशोधित किए गए हैं।
- नए टैक्स स्ट्रक्चर के तहत सिर्फ वेतनभोगी और पेंशनभोगियों के लिए 50,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन लागू किया गया है।
- 7 लाख रुपये से अधिक आय वाले के लिए नई कर व्यवस्था के तहत धारा 87ए छूट बढ़ा दी गई है। 7 लाख रुपये से कम की कर योग्य आय वाले व्यक्तियों को वित्त वर्ष 2023-24 में नई कर व्यवस्था चुनने पर कोई कर नहीं देना होगा।
सवाल: वित्त वर्ष 2023-24 के लिए पुरानी टैक्स व्यवस्था में कोई बदलाव किया गया?
नहीं। कोई चेंज पुरानी कर व्यवस्था में नहीं किया गया है।
सवाल: पुरानी कर व्यवस्था प्रस्ताव के तहत मूल आय छूट सीमा क्या है?
पुरानी कर व्यवस्था में उम्र के आधार पर छूट दी जाती है। 60 वर्ष से कम आयु के सभी के लिए मूल आय छूट की सीमा 2.5 लाख रुपये है। 60 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लेकिन 80 वर्ष से कम आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए मूल छूट की सीमा 3 लाख रुपये है। मूल छूट स्तर रुपये है। वैसे वरिष्ठ नागरिक जिनकी उम्र 80 वर्ष या उससे अधिक उनके लिए छूट की सीमा 5 लाख रुपये है।
सवाल: दोनों आयकर व्यवस्थाओं के तहत किस प्रकार की कर राहत उपलब्ध है?
दोनों आयकर व्यवस्थाओं में धारा 87ए के तहत छूट की राशि में बदलाव किया गया है। पुरानी कर व्यवस्था के तहत कर योग्य आय 5 लाख रुपये से अधिक नहीं होने पर अधिकतम 12,500 रुपये की छूट दी जाती है। वहीं, 1 अप्रैल, 2023 से, नई कर व्यवस्था 25,000 रुपये की छूट प्रदान करेगी अगर कर योग्य आय 7 लाख रुपये से अधिक नहीं है। पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत 5 लाख रुपये तक की आय पर 12,500 रुपये की छूट जारी रहेगी।
सवाल: क्या होगा अगर एक वेतनभोगी व्यक्ति यह तय नहीं कर पता है कि वह नई या पुरानी कर व्यवस्था में किसे चुनें?
अगर एक वेतनभोगी व्यक्ति यह तय नहीं कर पाता है कि वह पुरानी कर व्यवस्था को चुनें या नई को, तो उसका नियोक्ता 1 अप्रैल, 2023 से डिफ़ॉल्ट रूप से नई कर व्यवस्था के आधार पर वेतन आय पर टैक्स कटौती शुरू कर देगा।
सवाल: नई कर व्यवस्था में अभी किन-किन छूट की अनुमति नहीं है?
नई कर व्यवस्था के तहत, करदता को अभी तक मिलने वाली 70 तरह की छूट का लाभ नहीं मिलेगा। इसमें एचआरए कर छूट, एलटीए कर छूट, धारा 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक की कटौती शामिल है। हालांकि, संशोधित नई कर व्यवस्था के तहत 50,000 रुपये की मानक कटौती पेश की गई है।