ये रिपोर्ट सुनकर आपके बॉस के माथे पर आएगा पसीना! क्या आप भी करने जा रहे हैं ये काम?
रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 61 प्रतिशत उत्तरदाता बेहतर कार्य-जीवन संतुलन और खुशी के लिए कम वेतन स्वीकार करने या वेतन वृद्धि या पदोन्नति छोड़ने को तैयार हैं।
मुंबई। अगर आपका बॉस भी कोल्हू के बैल की तरह आपसे काम ले रहा है और इंक्रीमेंट को लेकर आनाकानी कर रहा है। तो आप इस खबर को उसके व्हाट्सएप चैट पर भेज सकते हैं। खबर पढ़कर उसके माथे पर पसीना आना तय है। दरअसल एक ताजा रिपोर्ट में सामने आया है कि करीब 10 में 9 कर्मचारी अगले कुछ महीनों में नई नौकरियों की तलाश शुरू करने वाले हैं। ऐसा करने वाले कर्मचारी देश के 15 प्रमुख सेक्टर से आते हैं।
पेशेवर भर्ती सेवा फर्म माइकल पेज इंडियाज टैलेंट ट्रेंड्स 2022 की रिपोर्ट ‘द ग्रेट एक्स’ के अनुसार कम से कम 86 प्रतिशत कर्मचारी अगले छह महीनों में नयी नौकरी की संभावनाएं तलाश सकते हैं। सर्वेक्षण में कहा गया कि सभी क्षेत्रों, वरिष्ठता और आयु वर्गों ने स्पष्ट रूप से संकेत दिया है कि प्रतिभाशाली कर्मचारी अगले कुछ महीनों में कंपनी बदल सकते हैं।
यह सर्वेक्षण भारत समेत 12 एपीएसी बाजारों में 15 क्षेत्रों में 3,069 उत्तरदाताओं पर आधारित है, जिसमे कर्मचारी बाजार को कैसे देखते हैं और यह वर्ष के दौरान कैसा रहेगा, उस पर प्रकाश डाला गया है। वेतन, बोनस और पुरस्कार अभी भी कर्मचारियों के बीच नौकरी पर टिके रहने का सबसे बड़ा आकर्षण हैं। हालांकि रिपोर्ट में गैर-मौद्रिक प्रेरकों की ओर एक बड़ा झुकाव पाया गया।
जिंदगी में सुकून के लिए कम वेतन भी मंजूर
रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 61 प्रतिशत उत्तरदाता बेहतर कार्य-जीवन संतुलन और खुशी के लिए कम वेतन स्वीकार करने या वेतन वृद्धि या पदोन्नति छोड़ने को तैयार हैं। रिपोर्ट के अनुसार, 57 प्रतिशत उत्तरदाताओं का कहना है कि उनके काम का बोझ कोविड-19 से पहले की तुलना में बढ़ गया है, जबकि 88 प्रतिशत का मानना है कि उनकी कंपनी कार्य-जीवन संतुलन सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय कदम नहीं उठाती है।
HR और बॉस की बढ़ेंगी मुश्किलें
सर्वे में सामने आया है कि वेतन अपेक्षाओं को पूरा करना 2022 में प्रमुख भर्ती चुनौतियों में से एक होगा। हालांकि, भर्तीकर्ताओं, HR डिपार्टमेंट और बॉस के सामने चुनौतियां और बढ़ेंगी। दुनिया भर में योग्य कर्मचारियों की कमी के कारण प्रौद्योगिकी क्षेत्र में प्रतिभा की जबरदस्त मांग बनी रहेगी। चूंकि इस क्षेत्र में भारत के पास एक बड़ा वर्कफोर्स तैयार है, इसलिए यह वैश्विक जरूरतों को पूरा करने के लिए अच्छी तरह से तैयार है।