मेड इन इंडिया आईफोन (Made in India iPhone) की डिमांड आने वाले साल में तेज बढ़ने के आसार हैं। एक लीडिंग एनालिस्ट का कहना है कि बाजार की स्थितियों के आधार पर, मेड इन इंडिया आईफोन शिपमेंट 2024 तक ग्लोबल लेवल पर 20 से 25 प्रतिशत तक बढ़ जाएगा। IANS की खबर के मुताबिक, टीएफ इंटरनेशनल सिक्योरिटीज के मिंग-ची कुओ का कहना है कि साल 2023 में आईफोन (iPhone) की कुल शिपमेंट में मेड इन इंडिया आईफोन की हिस्सेदारी करीब 12 से 14 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
एप्पल के लिए दक्षिण एशियाई बाजार का महत्व बढ़ेगा
खबर के मुताबिक, मौजूदा समय में ताइवान की दिग्गज कंपनी फॉक्सकॉन के पास भारत की आईफोन उत्पादन क्षमता का 75 से 80 प्रतिशत हिस्सा है। कुओ का कहना है कि आगे आने वाले वर्ष में एप्पल (apple) के लिए दक्षिण एशियाई बाजार का महत्व उल्लेखनीय रूप से बढ़ेगा। इसमें बदलाव की उम्मीद है क्योंकि टाटा समूह भारत में अधिग्रहित विस्ट्रॉन उत्पादन लाइन में आईफोन की मैनुफैक्चरिंग शुरू कर रहा है।
सरकार के साथ रिश्ते मजबूत कर सकता है एप्पल
मिंग-ची कुओ ने कहा कि टाटा को आईफोन असेंबलर बनाकर एप्पल भारत सरकार के साथ अपने रिश्ते मजबूत कर सकता है। इस कदम से भारत में आईफोन (Made in India iPhone)और दूसरे प्रोडक्टस की भविष्य की बिक्री को फायदा होगा और अगले दशक में एप्पल (apple) की ग्रोथ के लिए यह जरूरी है। कुओ ने यह भी अनुमान लगाया कि एप्पल रेगुलर आईफोन 17 के लिए शुरुआती मैनुफैक्चरिंग शुरू कर देगा, जो अगले साल की दूसरी छमाही में प्रदर्शित होने वाला है।
चीन के बाहर पहली कोशिश
चीन के बाहर नया आईफोन मॉडल डेवलप करने में एप्पल (apple) की यह पहली कोशिश होगी। कुओ ने अनुमान लगाया कि साल 2024 तक चीन के झेंग्झौ और ताइयुआन में फॉक्सकॉन की उत्पादन क्षमता क्रमशः 35 प्रतिशत से 45 प्रतिशत और 75 प्रतिशत से 85 प्रतिशत तक गिर जाएगी। भारत में उत्पादन बढ़ाने के अलावा, लक्सशेयर के आईफोन ऑर्डर आवंटन में तेजी से ग्रोथ और प्रोडक्शन लाइन ऑटोमेशन में सुधार भी प्रोडक्शन के पैमाने में कमी की वजह है।
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