ऐप्पल ने पिछले साल अप्रैल-दिसंबर माह में भारत से 2.5 बिलियन डॉलर से अधिक के आईफोन का एक्सपोर्ट किया है, जो पूरे वित्त वर्ष 2021-22 (FY22) में किए गए निर्यात का लगभग दोगुना है। तेजी से बढ़ती संख्या इस बात की ओर इशारा करती है कि कैसे ऐप्पल अपने उत्पादन को चीन के बाहर स्थानांतरित कर रही है।
इन कंपनियों से Apple कराती है मैन्युफैक्चरिंग
Apple आमतौर पर अपने iPhones के निर्माण और असेंबली के लिए Wistron और Foxconn Technology Group जैसे ताइवानी मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों पर निर्भर रहता है। इसमें से विस्ट्रॉन का मैन्युफैक्चरर प्लांट इंडिया में भी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि आईफोन की एक और कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर पेगाट्रॉन
कॉर्प जनवरी के अंत तक करीब 500 मिलियन डॉलर के आईफोन मॉडल विदेशों में ले जाने की राह पर है।
2017 में हुई थी शुरुआत
Apple ने 2017 में भारत में iPhones को असेंबल करना शुरू कर दिया था, लेकिन 2022 तक कंपनी भारत में सिर्फ ओल्ड जेनेरेशन के iPhone मॉडल को असेंबल कर रही थी। उसने सितंबर में iPhone 14 मॉडल लॉन्च किए और उसके वैश्विक लॉन्च के 10 दिन बाद देश में नए iPhone 14 को असेंबल करना शुरू कर दिया था।
भारत में iPhone के तीन असेंबली पार्टनर
भारत में iPhone के तीन असेंबली पार्टनर हैं- फॉक्सकॉन, विस्ट्रॉन और पेगाट्रॉन और ये सभी PLI योजना में भाग ले रहे हैं और आने वाले वर्षों में इनका उत्पादन बढ़ने की उम्मीद है। इनमें से एक विस्ट्रॉन को टाटा ग्रुप अक्वायर करने जा रही है। भारत ने CY2021 में वैश्विक स्तर पर iPhone निर्माण में 3-4 प्रतिशत का योगदान दिया और काउंटरपॉइंट रिसर्च का मानना है कि यह CY2023 तक बढ़कर 7-8 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा।
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