नई दिल्ली। जीवन बीमा निगम (LIC) का इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) आने का रास्ता साफ हो गया है। पूंजी बाजार नियामक सेबी से एलआईसी को आईपीओ लाने की मंजूरी मिल गई है। सेबी की यह मंजूरी ड्राफ्ट सौंपे जाने के 22 दिन के भीतर मिली है। सेबी की ओर से मिली मंजूरी के बाद भारतीय जीवन बीमा निगम में सरकार 5 फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी। इसके तहत 31 करोड़ से ज्यादा शेयर आईपीओ के जरिये आएंगे। हालांकि, बाजार में उतार-चढ़ाव को देखते हुए आईपीओ की तारीख आगे बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।
यूक्रेन संकट को देखते हुए टालने का फैसला संभव
बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच सरकार एलआईसी की प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) को अगले वित्त वर्ष के लिए टाल सकती है, क्योंकि मौजूदा हालात में निर्गम को लेकर फंड प्रबंधकों की दिलचस्पी कम हुई है। सरकार इसी महीने जीवन बीमा निगम (एलआईसी) में पांच फीसदी हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर रही थी, जिससे सरकारी खजाने को लगभग 60,000 करोड़ रुपये मिलने का अनुमान था। इस आईपीओ से चालू वित्त वर्ष के लिए 78,000 करोड़ रुपये के विनिवेश लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिलने की भी उम्मीद थी।
एलआईसी में 20 फीसदी तक एफडीआई की अनुमति
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आईपीओ लाने की तैयारी में जुटी एलआईसी में स्वचालित मार्ग से 20 प्रतिशत तक प्रत्यक्ष विदेश निवेश (एफडीआई) की अनुमति दी है। सरकार के इस कदम से देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी के विनिवेश में आसानी होगी। सरकार ने एलआईसी के शेयरों को आईपीओ के जरिए शेयर बाजार में सूचीबद्ध करने की मंजूरी दे दी है। विदेशी निवेशक इस मेगा आईपीओ में भाग लेने के इच्छुक हो सकते हैं, हालांकि मौजूदा एफडीआई नीति के तहत एलआईसी में विदेशी निवेश का कोई विशेष प्रावधान नहीं है, जो एलआईसी अधिनियम, 1956 के तहत गठित एक सांविधिक निगम है।
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