LIC Mutual Fund 1 लाख करोड़ के फंड को मैनेज करने की तैयारी में, बनाई यह योजना
एलआईसी म्यूचुअल फंड (LIC Mutual Fund) ने तेजी से वृद्धि दर्ज करते हुए अगले पांच वर्षों में एक लाख करोड़ रुपये के एयूएम (प्रबंधन के अधीन परिसंपत्ति) को हासिल करने का लक्ष्य तय किया है।
एलआईसी म्यूचुअल फंड (LIC Mutual Fund) ने तेजी से वृद्धि दर्ज करते हुए अगले पांच वर्षों में एक लाख करोड़ रुपये के एयूएम (प्रबंधन के अधीन परिसंपत्ति) को हासिल करने का लक्ष्य तय किया है। बता दें, एलआईसी म्यूचुअल फंड अपने 30 वर्षों के सफर में उतना सफल नहीं हो पाया है, जितना पिछले कुछ वर्षों में 43 कंपनियों वाले म्यूचुअल फंड उद्योग का एयूएम हुआ है और इनकी योजनाओं में निवेश करने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ी है।
म्यूचुअल फंड उद्योग के संगठन एम्फी के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, जून 2022 में उद्योग का एयूएम 14 प्रतिशत बढ़कर 37.74 लाख करोड़ रुपये हो गया है। इस समय तक निवेशित खातों की संख्या बढ़कर 13.55 करोड़ हो गई। इस क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी एसबीआई म्यूचुअल फंड का एयूएम समीक्षाधीन महीने में 23.7 प्रतिशत बढ़कर 6.47 लाख करोड़ रुपये हो गया। इसके बाद दूसरे और तीसरे स्थान पर आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एमएफ और एचडीएफसी एएमसी रहे।
तैयार की गई पंचवर्षीय योजना
हालांकि, मौजूदा प्रबंधन इस स्थिति को बदलने की कोशिश कर रहा है। उसके लिए एक पंचवर्षीय योजना तैयार की गई है, जिसके तहत वित्त वर्ष 2026-27 तक एयूएम को बढ़ाकर एक लाख करोड़ रुपये से अधिक करने का लक्ष्य तय किया गया है। कंपनी के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी टी एस रामकृष्णन ने कहा कि हमने एक पंचवर्षीय वृद्धि योजना तैयार की है। हमने 3.5-4 गुना वृद्धि दर्ज करते हुए वित्त वर्ष 2026-27 तक अपने एयूएम को एक लाख करोड़ रुपये से ऊपर ले जाने का लक्ष्य तय किया है। हम चालू वित्त वर्ष में कम से कम 70 प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं, इसके साथ हमारा एयूएम 30,000 करोड़ रुपये होगा। नई फंड योजनाओं की शुरुआत और आईडीबीआई एएमसी के खुद में विलय से इसमें मदद मिलेगी। हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि एयूएम को 3.5 से चार गुना तक बढ़ाना एक लंबी लड़ाई है। जिसे हासिल करने की कोशिश की जाएगी।
कितनी है LIC की हिस्सेदारी
आईडीबीआई बैंक में एलआईसी की 49.2 प्रतिशत हिस्सेदारी है जबकि बाकी हिस्सा सरकार और निवेशकों के पास है। एलआईसी ने इस बैंक के गहरे वित्तीय संकट में रहते समय उसमें हिस्सेदारी ली थी। कुमार ने एलआईसी के तिमाही नतीजों की घोषणा के दौरान मीडिया से बातचीत में कहा कि बीमा कंपनी के पास आईडीबीआई बैंक में अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिए अभी कोई समयसीमा नहीं तय की गई है। उन्होंने कहा कि विनिवेश विभाग इस पर काम कर रहा है लेकिन अभी तक कोई अभिरुचि पत्र नहीं मंगाया गया है। उन्होंने कहा कि विभाग की ओर से कोई औपचारिक प्रस्ताव भी एलआईसी के पास नहीं आया है।