LIC IPO: देश की सबसे बड़ी सरकारी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम यानि LIC का IPO जब मई की शुरुआत में निवेशकों के सामने आया तो मानो उस वक्त खरीदारों के बीच भगदड़ मच गई थी। लेकिन लिस्टिंग के बाद से इस शेयर ने जिस तरह घटिया प्रदर्शन किया है, उससे इसके निवेशकों की ही नहीं बल्कि सरकार की भी किरकिरी हो रही है।
एलआईसी का शेयर 17 मई को 872 रुपये प्रति शेयर पर लिस्ट हुआ था, जो सोमवार 13 जून को लुढ़क कर 668.20 रुपये पर बंद हुआ। यह भारत की ही नहीं बल्कि एशिया की दूसरी सबसे बड़ी गिरावट है। लिस्टिंग के बाद 29 फीसदी की इस महागिरावट के साथ ही LIC के शेयर ने एशिया के कारोबारी इतिहास में एक शर्मनाक रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है।
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जल्द ही टूट सकता है एलजी का रिकॉर्ड
एलआईसी के शेयर की लिस्टिंग के बाद किसी ने भी इस शर्मनाक प्रदर्शन की उम्मीद नहीं की थी। आंकड़ों के मुताबिक यह लिस्टिंग के बाद सबसे ज्यादा गिरने वाला एशिया का दूसरा शेयर बन गया है। फिलहाल सबसे अधिक गिरावट दर्ज करने में सबसे आगे दक्षिण कोरिया की कंपनी एलजी एनर्जी सॉल्यूशन है। लिस्टिंग के बाद इस कंपनी का शेयर 30 फीसदी से ज्यादा गिर चुका है। लेकिन एलआईसी में जिस गति से गिरावट आ रही है, उसे देखकर लगाता है कि यह रिकॉर्ड भी कंपनी अपने नाम कर लेगी।
LIC निवेशकों के 1.7 लाख करोड़ रुपये डूबे
लिस्टिंग से अब तक एलआईसी शेयर के निवेशकों के 1.7 लाख करोड़ रुपये डूब गए हैं। एलआईसी के आईपीओ में बीमा कंपनी के छोटे पॉलिसी धारकों ने भी पैसा लगाया था। इन्हें शेयर खरीदने के लिए खास छूट भी दी गई थी। लेकिन फायदे की उम्मीद लगाए बैठे ये नए निवेशक भारी घाटा उठा चुके हैं। 13 जून, 2022 को एलआईसी का मार्केट कैपिटलाइजेशन 4.22 लाख करोड़ रुपये रह गया है। यह देश की सबसे ज्यादा वैल्यूएशन वाली टॉप 5 कंपनियों की लिस्ट से बाहर हो गई।
सरकार भी चिंतित
एलआईसी के शेयरों में गिरावट से इसमें पैसा लगाने वाले ही नहीं बल्कि सरकार भी परेशानी में है। हाल ही में सरकार ने कहा था कि एलआईसी के शेयर में गिरावट को लेकर वह ‘चिंतित’ है। लेकिन सरकार का मानाना है कि शेयरों में यह गिरावट अस्थायी है और जल्द ही रिकवरी देखने को मिलेगी।
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