नई दिल्ली। सरकार भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के आरंभिक सार्वजनक निर्गम (आईपीओ) को लाने की तारीख पर इस हफ्ते के भीतर निर्णय ले सकती है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह कहा। एलआईसी में पांच फीसदी हिस्सेदारी या 31.6 करोड़ शेयर की बिक्री पहले मार्च में होने वाली थी लेकिन भूराजनीतिक तनाव के मद्देनजर इसे स्थगित कर दिया गया था। सरकार के पास भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास नए दस्तावेज दाखिल किए बिना जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने के लिए 12 मई तक का समय है।
कंपनी का मूल्यांकन 5.4 लाख करोड़ लगाया
एक अधिकारी ने बताया, आईपीओ कब लाया जाए इस बारे में फैसला इस हफ्ते लिया जा सकता है। अंतरराष्ट्रीय मूल्यांकन कंपनी मिलीमैन एडवाइजर्स द्वारा एलआईसी का अंतर्निहित मूल्य निकाला गया है। 30 सितंबर, 2021 तक कंपनी का अंतर्निहित मूल्य 5.4 लाख करोड़ रुपये था। अंतर्निहित मूल्य बीमा कंपनी में शेयरधारकों के एकीकृत मूल्य के आधार पर निकाला गया है। अगर सरकार 12 मई तक आईपीओ नहीं ला पाती है, तो उसे दिसंबर तिमाही के नतीजे बताते हुए सेबी के पास नए कागजात दाखिल करने होंगे।
मार्च में 51 फीसदी बढ़ा प्रीमियम
वित्त वर्ष 22 में LIC का फर्स्ट ईयर प्रीमियम 7.9 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 1.98 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। वहीं, मार्च में प्रीमयम कलेक्शन एक साल पहले की तुलना में 51 फीसदी बढ़कर 4231922 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। मार्च में देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी का प्रीमयम कलेक्शन एक साल पहले की तुलना में 51 फीसदी बढ़कर 42,319.22 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। विशेष रूप से मार्च में ऊंचे प्रीमियम कलेक्शन से सरकार को LIC के शेयरों की बिक्री को लेकर तगड़ा बूस्ट मिलेगा।
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