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Hindi News पैसा बिज़नेस Pakistan की जितनी है GDP उससे दोगुना पैसा तो हमारी इस कंपनी के पास, जानना चाहेंगे नाम?

Pakistan की जितनी है GDP उससे दोगुना पैसा तो हमारी इस कंपनी के पास, जानना चाहेंगे नाम?

भारत इस समय दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकोनॉमी है। दूसरी तरफ पाकिस्तान कर्ज के बोझ तले दबा है। साथ ही महंगाई और बेरोजगारी ने वहां हालात खराब किये हुए हैं।

पाकिस्तान की जीडीपी- India TV Paisa Image Source : FILE पाकिस्तान की जीडीपी

पाकिस्तान की जितनी इकॉनमी है, उसके दोगुने जितना पैसा हमारी एक सरकारी कंपनी के पास है। हम यहां सरकारी स्वामित्व वाली दिग्गज इंश्योरेंस कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम यानी एलआईसी (LIC) की बात कर रहे हैं। भारतीय शेयरों में तेज उछाल के चलते एलआईसी का एसेट अंडर मैनेजमेंट यानी एयूएम 50 लाख करोड़ रुपये के पार चला गया है। यह रकम हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान की जीडीपी (Pakistan's GDP) से दोगुनी है। ताजा आंकड़े बताते हैं कि वित्त वर्ष 2024 की मार्च तिमाही के आखिर में एलआईसी का एयूएम साल-दर-साल आधार पर 16.48 फीसदी बढ़कर 51,21,887 करोड़ रुपये (616 अरब डॉलर) हो गया। वित्त वर्ष 2023 के आखिर में यह 43,97,205 करोड़ रुपये था।

नेपाल और श्रीलंका से भी कई गुना अधिक

दूसरी तरफ आईएमएफ के अनुसार, पाकिस्तान की जीडीपी केवल 338.24 अरब डॉलर है। ऐसे में 616 अरब डॉलर के साथ एलआईसी का एयूएम पाकिस्तान की इकॉनमी से डबल हो जाता है। पीएम नरेंद्र मोदी ने भी संसद में एलआईसी के इस भारी-भरकम एयूएम की तारीफ की थी। एलआईसी का एयूएम पाकिस्तान (338 अरब डॉलर) ही नहीं, बल्कि हमारे दूसरे पड़ोसी देशों नेपाल (44.18 अरब डॉलर) और श्रीलंका (74.85 अरब डॉलर) की जीडीपी से भी काफी अधिक है।

दिवालिया होते-होते बचा था पाकिस्तान

वहीं, भारत की इकॉनोमी की बात करें, तो यह लगातार बड़े देशों में सबसे तेज रफ्तार से ग्रोथ कर रही है। भारत इस समय दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकोनॉमी है। दूसरी तरफ पाकिस्तान कर्ज के बोझ तले दबा है। साथ ही महंगाई और बेरोजगारी ने वहां हालात खराब किये हुए हैं। पाकिस्तान अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहा है। यह देश पिछले महीने दिवालिया होते-होते बचा था।

IMF को है यह चिंता

आईएमएफ ने पाकिस्तान की कर्ज चुकाने की क्षमता पर गंभीर सवाल खड़े किये हैं। आईएमएफ ने कहा कि पाकिस्तान की राजनीतिक अस्थिरता और सामाजिक तनाव में बढ़ोतरी उसकी इकोनॉमिक स्टेबलाइजेशन पॉलिसीज को प्रभावित करेगी। आईएमएफ के अनुसार, पाकिस्तान को अगले 5 साल में 123 अरब डॉलर की फाइनेंसिंग की जरूरत है।

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