भारतीय इलेक्ट्रॉनिक कंपनियां भी अब अपने परफॉर्मेंस में धमाल मचा रही हैं। एक लेटेस्ट रिपोर्ट में सामने आया कि घरेलू स्मार्ट इलेक्ट्रॉनिक कंपनियों में लावा और क्यूबो को कस्टमर्स की तरफ से हाई रेटिंग मिल रही हैं। ये कंपनियां ब्रांड स्वीकृति के मामले में ग्लोबल इंटरनेशनल ब्रांड के साथ कड़ा मुकाबला कर रही हैं। भाषा की खबर के मुताबिक, मार्केट एनालिसिस फर्म टेकआर्क ने बीते रविवार को एक रिपोर्ट में इस बात की जानकारी दी है। फर्म ने दिसंबर में ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म अमेजन और फ्लिपकार्ट पर 35 अलग-अलग प्रोडक्ट कैटेगरी में 25 ब्रांड्स को मिली रेटिंग के आधार पर एक स्टडी किया है।
औसत रेटिंग है बिल्कुल पास
खबर के मुताबिक, रिपोर्ट में फर्म ने बताया कि हमने पाया कि ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर रियलमी और रेडमी सहित विदेशी कंपनियों के लिए उपभोक्ताओं की औसत रेटिंग 4.3 थी। इसके मुकाबले लावा ने 4.2 अंक हासिल किए, जो उद्योग के मानक के बेहद करीब है। टेकआर्क ने कहा कि लावा को 90 प्रतिशत उपभोक्ताओं ने हाई रेटिंग (चार और पांच) दी, जबकि ग्लोबल ब्रांड्स के लिए यह आंकड़ा 75.8 प्रतिशत था। इसी तरह इंटरनेट ऑफ थिंग्स कैटेगरी में हीरो ग्रुप की कंपनी क्यूबो को 4.1 रेटिंग मिली, जबकि उद्योग का औसत चार था।
वियरेबल डिवाइस कैटेगरी में भी धमाल
वियरेबल डिवाइस कैटेगरी की बात करें तो भारतीय ब्रांड अपने वैश्विक समकक्ष ब्रांडों जैसे रियलमी, रेडमी, ओप्पो, वनप्लस नॉर्ड आदि की तुलना में इंडस्ट्री बेंचमार्क से नीचे थे। जबकि रेटिंग का उद्योग बेंचमार्क 4.2 है, भारतीय ब्रांड नॉइज़ और बोल्ट ऑडियो को 4.1 की रेटिंग मिली है, इसके बाद बोट और पीट्रॉन को 4.0 मिली है। इस कैटेगरी में मिवी, गिज़मोर और नंबर सहित ब्रांडों की औसत भारित रेटिंग 3.9 थी। स्टडी में यह भी कहा गया है कि स्मार्ट इलेक्ट्रॉनिक्स में घरेलू ब्रांडों में लावा ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर 4.2 भारित औसत ग्राहक रेटिंग के साथ सबसे आगे है, इसके बाद क्यूबो 4.1 पर है।
देसी ब्रांड पर कस्टमर का भरोसा मजबूत
रिपोर्ट में कहा गया है कि लावा और क्यूबो जैसे ब्रांड जिन्होंने देश के भीतर एंड-टू-एंड प्रोडक्ट डिजाइन और डेवलप करने में निवेश किया है। ग्राहक रेटिंग के मामले में घरेलू स्मार्ट इलेक्ट्रॉनिक्स ब्रांड को लेकर कस्टमर का भरोसा मजबूत होता दिखा है। यहां यह बता दें कि टेकआर्क ने स्टडी में ऐप्पल और सैमसंग वियरेबल्स को शामिल नहीं किया क्योंकि उसका मानना है कि ये ब्रांड यूजर्स के एक अलग समूह के लिए हैं, जबकि वियरेबल्स बेचने वाले भारतीय ब्रांड यूजर्स के बड़े वर्ग को टारगेट करते हैं।
Latest Business News