वेदांता ग्रुप के साथ टेक्नोलॉजी पार्टनर के तौर पर जुड़ी ताइवान की इनोलक्स ने कहा है कि सरकार की मंजूरी मिलने के बाद 18 से 24 महीनों में भारत में एलसीडी डिस्प्ले का बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू हो सकता है। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह उम्मीद जताई है। वेदांता ने देश में तीन-चार अरब डॉलर की अनुमानित लागत से एक डिस्प्ले स्क्रीन मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने के लिए इनोलक्स को टेक्नोलॉजी पार्टनर के तौर पर जोड़ा है। इस संबंध में वेदांता ने इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को अपना प्रस्ताव सौंपा है। यह प्रस्ताव सेमीकंडक्टर एवं डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए चलाए जा रहे प्रोत्साहन कार्यक्रम के तहत दिया गया है।
24 महीनों में शुरू होगा बड़े पैमाने पर प्रोडक्शन
इनोलक्स के चेयरमैन एवं मुख्य परिचालन अधिकारी जेम्स यांग ने कहा कि यह संयुक्त उद्यम 24 महीनों के भीतर एलसीडी डिस्प्ले का बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू कर सकता है। यांग ने कहा, ‘‘हम 18 से 24 महीनों में प्लांट का पहला चरण पूरा कर सकते हैं और बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू कर सकते हैं। इसके बाद दूसरे चरण में छह से नौ महीने लग सकते हैं।’’
आयात में आएगी गिरावट
इस समय भारत में कंपनियां अपनी डिस्प्ले जरूरतों के लिए पूरी तरह आयात पर निर्भर हैं। यांग के मुताबिक, इनोलक्स का मानना है कि एलसीडी स्क्रीन कम-से-कम वर्ष 2030 तक 88 प्रतिशत से अधिक बाजार हिस्सेदारी के साथ डिस्प्ले सेगमेंट में प्रभावी रहेंगे। उन्होंने कहा कि प्लांट में डिस्प्ले का उत्पादन 2026 तक शुरू हो जाने की स्थिति में परियोजना वर्ष 2028 तक लाभ में आने की स्थिति में होगी। इस पर निवेश का कुल यील्ड 13 वर्षों में ही हासिल किया जा सकता है। यांग ने कहा कि इस परियोजना के लिए शुरुआत में कुल 5,000 कर्मचारियों की जरूरत होगी। उन्होंने कहा कि इनमें से 2,000 इंजीनियर होंगे।
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