कोटक महिंद्रा बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि अडाणी समूह को दिया गया ऋण बैंक के ऋण देने के सिद्धांतों के अनुरूप है और कर्ज राशि भी मामूली ही है। कोटक महिंद्रा बैंक में थोक बैंकिंग के प्रमुख एवं अध्यक्ष पारितोष कश्यप ने कहा कि अडाणी समूह जिन परेशानियों में घिरा है वे कर्ज संबंधी मुद्दा नहीं होकर पूंजी बाजार तथा मूल्यांकन के मुद्दों से ज्यादा संबंधित है। उन्होंने कहा, समूह को हमने जो कर्ज दिया है वह कम है। हम देश में हर कॉरपोरेट कंपनी के साथ कारोबार करते हैं और जो कर्ज हम देते हैं वे हमारे सिद्धांतों और हमारे बहीखाते के आकार के अनुरूप होते हैं।
अडाणी ग्रुप की कई कंपनियां फायदे में
उन्होंने कहा कि समूह में परिचालन करने वाली कंपनियां वाजिब फायदे में हैं और उनके पास मजबूत लाभप्रदता तथा बहीखाता है। गौरतलब है कि न्यूयॉर्क की कंपनी ‘हिंडनबर्ग’ ने जनवरी में अपनी एक रिपोर्ट में उद्योगपति गौतम अडाणी की अगुवाई वाले समूह पर खुले तौर पर शेयरों में गड़बड़ी और लेखा धोखाधड़ी में शामिल होने का आरोप लगाया गया था। कंपनी के इस आरोप के बाद विविध कारोबार से जुड़े समूह की सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों में बड़ी गिरावट आई थी।
एलआईसी और एसबीआई का सबसे बड़ा एक्सपोजर
अडाणी ग्रुप पर एसबीआई का करीब 27,000 करोड़ रुपये बकाया है। वहीं, एलआईसी का करीब 35,000 करोड़ रुपये बकाया है। एलआईसी का एक बड़ा हिस्सा इक्विटी निवेश में है। इसके चतले शेयरों में गिरावट के कारण नुकसान हुआ है। हालांकि, हाल के दिनों में तेजी लौटने से एलआईसी का घाटा कुछ कम हुआ है। अडाणी समूह की 10 सूचीबद्ध कंपनियों में से सात में एलआईसी ने निवेश किया है। अमेरिकी निवेश कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने 24 जनवरी को एक रिपोर्ट जारी की, जिसके बाद अडाणी समूह के शेयरों की भारी गिरावट का सामना करना पड़ा। इसके चलते समूह में एलआईसी का निवेश एक सप्ताह पहले नकारात्मक हो गया था। अडाणी समूह में एलआईसी के निवेश का मूल्य 24 फरवरी को घटकर 29,893.13 करोड़ रुपये रह गया, जबकि इनका खरीद मूल्य 30,127 करोड़ रुपये था। हालांकि, अडाणी समूह के शेयरों में आई हालिया तेजी के बाद हालात बदल गए। अब फिर एलआई फायदे में पहुंच गया है।
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