4 Stage of Budget making: देश के बजट को आने में अब कुछ ही दिन शेष हैं, वहीं बजट बनने के पहले की प्रक्रिया को लेकर काफी सवाल आपके मन में रहते होंगे, उन्हीं सवालों के जवाब आज हम देने आये हैं। बता दें कि हर साल वित्त मंत्री बजट प्रपोजल को लोकसभा में पेश करते हैं, जिसमें सरकार के वित्त वर्ष के रेवन्यू और एक्सपेंडिचर का अनुमान शामिल होता है। इसके साथ ही बजट प्रस्तावों पर राज्यसभा और लोकसभा दोनों जगहों पर चर्चा होती है। बजट तैयार के प्रारंभिक चरण में वित्त मंत्रालय सरकारी विभागों और एजेन्सियों से बेहतर परामर्श करता है। आज हम आपको इसके बारे में विस्तृत जानकारी देने वाले हैं।
ये है बजट तैयार करने का पहला चरण
बजट तैयार करने की प्रक्रिया अक्टूबर-नवंबर में शुरू हो जाती है, जहां सरकार के अलग-अलग मंत्रालय अपनी जरूरतों के बारे में वित्त मंत्रालय को बताते हैं। इसके बाद वित्त मंत्रालय अन्य सरकारी विभागों और एजेन्सियों के साथ परामर्श भी करता है, इसके बाद वित्त मंत्रालय सरकार की नीतियों, प्राथमिकताओं, देश के आर्थिक हालातों को ध्यान में रखकर बजट का निर्माण करता है।
ये है बजट का दूसरा चरण
बजट का दूसरा चरण इसके प्रस्तुतिकरण से जुड़ा है, जहां वित्तमंत्री संसद में बजट को पेश करते हैं, इसके बाद इसके प्रस्तावों पर चर्चा और बहस होती है। वहीं चर्चा और बहस होने के बाद इसे लोकसभा में पारित होने के लिये भेजा जाता है, जहां राज्यसभा में बजट को मंजूरी मिलती है।
ये है बजट का तीसरा चरण
तीसरा स्टेप फंड एलोकेशन का माना जाता है, जहां बजट पारित होने पर सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि आदि जैसे सेक्टर के लिये फंड का आवंटन करती है। बता दें कि बजट एलोकेशन में सरकार की विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों का फंड का खाका तैयार किया जाता है।
ये है बजट का अंतिम चरण यानि चौथा चरण
वहीं बजट का अंतिम चरण इसके प्रस्तावों को अमल में लाने का है, जहां प्रस्तावों के पास होने के बाद सरकार बजट के हिसाब से विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों को लागू करना शुरू कर देती है। वहीं इसमें विभिन्न विभागों और एजेंसियों को फंड का आवंटन और टैक्स में आये बदलावों को लागू करना शामिल होता है।
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