Edible Oil Prices : सस्ते आयातित तेलों से किसानों को हो रहा नुकसान, जानिए सोयाबीन, सरसों और मूंगफली तेल का भाव
मौजूदा समय में आयातित तेलों के थोक दाम बेहद सस्ते हैं। सस्ता सोयाबीन का आयात बना रहा तो पहले के सोयाबीन फसल की तरह इस बार भी सोयाबीन को गोदामों में ही रखे रहना होगा।
महाराष्ट्र के सांगली मंडी में खरीफ सोयाबीन की नयी फसल की आवक शुरू होने के बीच देश के खाद्य तेल-तिलहन बाजार में शनिवार को सोयाबीन तिलहन के दाम में गिरावट दर्ज हुई। शिकागो एक्सचेंज में शुक्रवार रात लगभग दो प्रतिशत के सुधार के बीच यहां सरसों तेल तिलहन, सोयाबीन तेल, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तथा बिनौला तेल के दाम सुधार दर्शाते बंद हुए। ऊंचे दाम पर कम कारोबार के बीच मूंगफली तेल-तिलहन के भाव पूर्वस्तर पर बने रहे। बाजार के जानकार सूत्रों ने कहा कि सांगली मंडी में खरीफ सोयाबीन की नयी फसल का भाव 4,000 रुपये क्विन्टल लगाया जा रहा है, जबकि सोयाबीन का नया न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 4,892 रुपये क्विंटल है।
महाराष्ट्र में मिलती है सब्सिडी
इसके अलावा केवल महाराष्ट्र सरकार ने किसानों को सोयाबीन और कपास का उत्पादन बढ़ाने को प्रोत्साहित करने के मकसद से प्रति एकड़ फसल के लिए 5,000 रुपये की सहायता राशि (सब्सिडी) दी है। लेकिन इस प्रोत्साहन राशि के बावजूद किसानों की लागत कम निकल रही है। इसकी तुलना में मध्य प्रदेश में सोयाबीन का उत्पादन कहीं अधिक होता है और वहां ऐसी कोई सहायता राशि नहीं दी गई है तो उनकी लागत वसूली तथ अन्य सोयाबीन उत्पादन राज्यों में लागत वसूली की स्थिति के बारे में अंदाजा लगाया जा सकता है।
किसानों के बारे में सोचे सरकार
सूत्रों ने कहा कि आने वाले दिनों में मंडियों में सोयाबीन की नयी फसल की आवक और बढ़ेगी उस समय क्या होगा इसके बारे में अभी से कुछ कहना मुश्किल है। लेकिन इतना तो तय है कि सस्ता सोयाबीन का आयात बना रहा तो पहले के सोयाबीन फसल की तरह इस बार भी सोयाबीन को गोदामों में ही रखे रहना होगा। किसी को इस स्थिति के बारे में सोचना होगा और कोई रास्ता भी निकालना होगा कि देशी तेल तिलहन खपें, किसानों को पर्याप्त धन मिले और तिलहन उत्पादन बढ़ाने के प्रति उनका भरोसा और मजबूत हो।
आयातित तेलों के थोक दाम बेहद सस्ते
सूत्रों ने कहा कि सहकारी संस्था- नाफेड अलग अलग राज्यों में तेल मात्रा की प्रतिशत के हिसाब से सरसों तिलहन की बिक्री 5,150 से 5,550 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर कर रही है। हालांकि, सरसों के नये एमएसपी के हिसाब से सरसों के दोनों भाव एमएसपी से कम ही हैं। इसके अलावा प्रति क्विंटल सरसों के लिए लगभग 150 रुपये का वारदाना मुफ्त दिया जा रहा है। कुल मिलाकर मौजूदा बिक्री भाव एमएसपी से कम बैठता है। इस ओर ध्यान देने की जरुरत है। सूत्रों ने कहा कि मौजूदा समय में आयातित तेलों के थोक दाम बेहद सस्ते हैं। तेल तिलहन की महंगाई की चिंता करने वाले समीक्षकों व संबद्ध अधिकारियों को इस सुनहरे वक्त का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाने का इंतजाम करना चाहिये।
तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे :
- सरसों तिलहन - 5,925-5,965 रुपये प्रति क्विंटल।
- मूंगफली - 6,425-6,700 रुपये प्रति क्विंटल।
- मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) - 15,350 रुपये प्रति क्विंटल।
- मूंगफली रिफाइंड तेल 2,290-2,590 रुपये प्रति टिन।
- सरसों तेल दादरी- 11,600 रुपये प्रति क्विंटल।
- सरसों पक्की घानी- 1,875-1,975 रुपये प्रति टिन।
- सरसों कच्ची घानी- 1,875-2,000 रुपये प्रति टिन।
- तिल तेल मिल डिलिवरी - 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।
- सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 10,100 रुपये प्रति क्विंटल।
- सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 9,775 रुपये प्रति क्विंटल।
- सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 8,350 रुपये प्रति क्विंटल।
- सीपीओ एक्स-कांडला- 8,750 रुपये प्रति क्विंटल।
- बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 9,575 रुपये प्रति क्विंटल।
- पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 9,925 रुपये प्रति क्विंटल।
- पामोलिन एक्स- कांडला- 9025 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।
- सोयाबीन दाना - 4,300-4,330 रुपये प्रति क्विंटल।
- सोयाबीन लूज- 4,110-4,235 रुपये प्रति क्विंटल।
- मक्का खल (सरिस्का)- 4,150 रुपये प्रति क्विंटल।