Railway budget: आगामी दिनों में देश का आम बजट हम सब के बीच आने वाला है, जहां वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी, 2023 को देश का आम बजट संसद में पेश करने वाली हैं। बता दें कि मोदी सरकार लोकसभा चुनाव- 2024 से पहले अपना आखिरी पूर्ण बजट पेश करेगी, जिसके लिये सरकार व्यापक रूप से तैयारियों में जुटी हुई है। दूसरे वर्ष 2017 के पहले भारतीय रेलवे का अपना बजट अलग से पेश होता था, जिसे समाप्त करके आम बजट के साथ अब इसे प्रस्तुत किया जाता है। वहीं आज हम आपको रेलवे बजट के आम बजट में शामिल होने की कहानी के बारे में बतलाने जा रहे हैं।
ये है रेलवे बजट की आम बजट में शामिल होने की कहानी
साल 2017 के पहले रेलवे बजट को आम बजट से इतर पेश किया जाता था, वहीं मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में 92 साल की पुरानी प्रथा को समाप्त करके सन 2017 से ही रेलवे बजट की घोषणाएं आम बजट में की जाने लगी। वहीं इस प्रथा को समाप्त करते हुये वित्त मंत्री स्व. अरुण जेटली ने इस आम बजट को प्रस्तुत किया था, वहीं पहले रेलवे बजट को आम बजट के एक दिन पहले रेलमंत्री द्वारा संसद के पटल पर प्रस्तुत किया जाता था।
इनकी सलाह पर हुआ था बदलाव
बता दें कि नीति आयोग ने सरकार को दशकों पुराने पैटर्न को बदलने की सलाह दी थी, जहां काफी विचार-विमर्श सलाहों के बाद इसमें बदलाव को स्वीकृति दी गयी। वहीं इसके लिये अलग-अलग ऑथरिटीज के साथ गहन विचार विमर्श के बाद सरकार ने इसे आम बजट में मिलाने का फैसला किया था। दूसरी ओर यह विचार अच्छा माना गया क्योंकि आम बजट की तुलना में रेलवे के बजट का हिस्सा बहुत कम है।
इस सन में आया था भारत का पहला रेल बजट
बता दें कि भारत का पहला रेल बजट ब्रिटिश शासन के समय में सन 1924 में पेश किया गया था, वहीं यह अलग रेल बजट था, क्योंकि इसके पहले रेल बजट को आम बजट के साथ प्रस्तुत किया जाता था। वहीं सन 1920-21 में एकवर्थ कमेटी ने रेल बजट को अलग से पेश करने को लेकर एक रिपोर्ट सौंपी थी।
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