अब तक की सबसे खास 5 बजट, जिसे आज भी किया जाता है याद
बजट आने में अब कुछ ही दिन शेष हैं, वहीं भारत में पूर्ववत में आये कुछ बजटों ने खूब चर्चा बटोरी है। वहीं इन बजटों में आम आदमी के लिये कुछ तो बेहद खास था, जिसे जानना बेहद जरूरी है आज हम उन्हीं का जिक्र करने वाले हैं।
Popular Budget of India: बजट- 2023 को आने में अब कुछ ही दिन बाकी हैं, वहीं 1 फरवरी, 2023 को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण इस बजट को पेश करने जा रही हैं, जिसकी तैयारियां इस समय जोरों पर हैं। बता दें कि बजट बनाने की प्रक्रिया काफी पहले शुरू हो जाती है। इस बजट को तैयार करने में लगे अधिकारी लगभग 10 दिनों के लिये परिवार से कट से जाते हैं। वहीं बजट तैयार होने से पहले वित्तमंत्री विभिन्न बैठकों में प्रतिभाग करके इसकी बेहतरी का खाका खींचते हैं। इसलिए आज हम आपको 5 ऐतिहासिक बजटों के बारे में जानकारी देने जा रहें हैं, जिन्हें इनके कार्यों की वजह से अलग नामों की संज्ञा दी, वहीं इनके बारे में जानकार आपके ज्ञान में और भी वृद्धि होगी।
1. ब्लैक बजट के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी
यह बजट सन 1973 में इंदिरा गांधी सरकार में प्रस्तुत किया गया था। वित्तमंत्री यशवंतराव बी चव्हाण ने इसे प्रस्तुत किया था। दूसरी ओर इसे ब्लैक बजट का नाम दिया गया था, क्योंकि उस समय भारत गंभीर वित्तीय संकट से गुजर रहा था, जहां राजकोषीय घाटा 550 करोड़ रुपये था। वह दौर अर्थ के मामले में भारत का सबसे बुरा दौर माना जाता है।
2. उदारीकरण बजट ( Liberalised Budget) के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी
सन 1991 में तत्कालीन वित्त मंत्री मनमोहन सिंह जो बजट पेश किया था, उसे उदारीकरण बजट के रूप में जाना जाता है। इस बजट की खास बात यह थी कि विदेशी कंपनियों को भारत में कारोबार करने की खुली छूट दी गयी थी, जहां से भारत के उदारीकरण के दौर की शुरुआत मानी जाती है। वहीं इस बजट के जरिये ही भारतीय कंपनियों का विदेश में व्यापार करना आसान हुआ था।
3. ड्रीम बजट के बजट में महत्वपूर्ण जानकारी
सन 1997 में इस बजट को वित्त मंत्री पी चिदंबरम द्वारा पेश किया गया था, इस ड्रीम बजट में इनकम टैक्स और कंपनी टैक्स में बड़ी कटौती का ऐलान किया गया था, साथ ही सरचार्ज को खत्म करके एक बड़ी राहत दी गयी थी।
4. मिलेनियम बजट के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी
सन 2000 में इस बजट को पेश किया गया था, इस बजट को वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा ने पेश किया था। वहीं इस बजट की खास बात यह थी कि इस बजट में IT कंपनियों को राहत दी गयी थी, जिसमें कम्प्यूटर, सीडी आदि पर कस्टम ड्यूटी को काफी कम कर दिया गया था, जिसके कारण इसको मिलेनियम बजट का नाम दिया गया था।
5. रोलबैक बजट के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी
सन 2002 में पेश हुये इस बजट को रोल बैक बजट कहा जाता है, इसे उस समय के वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा द्वारा संसद में पेश किया था। वहीं इस बजट में शामिल कई प्रस्तावों के विरोध के फलस्वरूप वित्तमंत्री द्वारा इन्हें वापस लेना पड़ा था, इस वजह से इसे रोलबैक बजट का नाम दिया गया था। बता दें कि इस बजट में एलपीजी, सर्विस टैक्स, सिलेंडर आदि के दामों को बढ़ाया गया था, जिसका विरोध हुआ था।