Capital budget: बजट बनाना बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि यह भविष्य की गतिविधियों को नियंत्रित करने और योजनाबद्ध करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कैपिटल बजट एक कंपनी की भविष्य की गतिविधियों को नियंत्रित करने और योजना बनाने के लिये प्रबंधन उपकरणों का उपयोग करने की एक प्रक्रिया है। वहीं कैपिटल बजट के जरिये परियोजना लाभ, भविष्य की परियोजनाओं की व्यवहार्यता आदि का मूल्यांकन भी किया जाता है, आज हम आपको इसके बारे में विस्तृत जानकारी देने वाले हैं।
यह है कैपिटल बजट
कैपिटल बजट के जरिये एक परियोजना के कैश इनफ्लो और कैश आउटफ्लो का व्यवहारिक विश्लेषण किया जाता है। इससे यह निर्धारित करने में मदद मिलती है कि प्रत्याशित रिटर्न संगठन द्वारा निर्धारित बेंचमार्क में पूरा किया जायेगा। वहीं कैपिटल बजट के पहले कदम के रूप में फर्म के भविष्य के निवेश के लिये वित्तीय योजना बनाना शामिल है, जो किसी कंपनी में महत्वपूर्ण रोल अदा करता है। दूसरी ओर प्रत्येक कंपनी का यह लक्ष्य होता है कि उन्हें विकास और विस्तार करना है, वहीं यह कैपिटल बजट के जरिये ही पूरा हो पाता है।
यह हैं कैपिटल बजट के मुख्य उद्देश्य
बता दें कि कैपिटल बजट में पूंजी और नकद का उच्च परिव्यय होता है, जोकि एक बड़ी योजना होती है। इसके साथ ही कैपिटल बजट बनाना अत्यंत आवश्यक होता है क्योंकि बड़ी मात्रा में पूंजी और बड़े अनुमानित लाभ का अनुमान इसमें शामिल होता है। वहीं कैपिटल बजट की प्रक्रियाओं में बाजार की अनिश्चितता शामिल होती है। ऐसे में अनुमान लगाना आसान हो जाता है। दूसरी ओर प्रत्येक योजना को स्थायी वित्त की आवश्यकता होती है, ऐसे में कैपिटल बजट महत्वपूर्ण रोल अदा करता है।
कैपिटल बजट की प्रक्रिया
कैपिटल बजट की प्रक्रिया में सर्वप्रथम एक परियोजना तैयार की जाती है, जिसके जरिये ही विस्तार किया जाता है। इसमें प्रोडक्शन लाइन का विस्तार, नये उत्पाद जोड़ना, लागत कम करना आदि शामिल होता है। इसके बाद कैपिटल बजट में परियोजना का मूल्यांकन, परियोजना चयन, फंड की व्यवस्था, परियोजना निगरानी आदि शामिल होता है।
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