लंदन। कर्ज के भारी बोझ तले दबे कारोबारी विजय माल्या की लंदन स्थित आलीशान घर से बेदखल किए जाने के आदेश पर रोक लगाने की अर्जी ब्रिटिश अदालत ने मंगलवार को खारिज कर दी। स्विस बैंक यूबीएस के साथ लंबे समय से जारी कानूनी विवाद में माल्या के इस घर को खाली कराने का आदेश दिया गया था। माल्या के लंदन स्थित इस घर में उनकी 95 साल की मां रहती हैं।
माल्या ने इस आदेश के अनुपालन पर रोक लगाने की मांग की थी। लेकिन लंदन हाई कोर्ट के चांसरी डिविजन के न्यायाधीश मैथ्यू मार्श ने अपने फैसले में कहा कि माल्या परिवार को बकाया राशि के भुगतान के लिए अतिरिक्त समय देने का कोई आधार नहीं है। इसका मतलब है कि माल्या को इस संपत्ति से बेदखल किया जा सकता है। माल्या को इस स्विस बैंक को 2.04 करोड़ पाउंड का कर्ज लौटाना है।
भारत को क्या होगा फायदा
माल्या के लंदन वाले घर के खाली होने से भारत को कोई भी फायदा नहीं होगा। दरअसल, स्विस बैंक यूबीएस (UBS) के साथ लंबे समय से जारी कानूनी विवाद में विजय माल्या के इस घर को खाली कराने का आदेश दिया गया था। यानी ये घर खाली होगा तो इसका कब्जा यूबीएस स्विस बैंक के पास चला जाएगा जो इसे बेचकर माल्या की उधारी निपटाएगा।
भारतीय बैंकों का कितना उधार
विजय माल्या की भारतीय बैंकों पर करीब 10 हजार करोड़ की देनदारी है। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की अगुवाई वाले बैंकों के समूह का भगौड़े कारोबारी विजय माल्या (Vijay Mallya) पर 9,900 करोड़ रुपये बकाया था। यह कर्ज किंगफिशयर एयरलाइंस को कई बैंकों ने दिए थे। 65 साल का माल्या ब्रिटेन में फिलहाल जमानत पर है।
81 प्रतिशत पैसा रिकवर
भारत के बैंकों ने अब तक करीब अपना 81 प्रतिशत पैसा रिकवर कर लिया है। बैंकों का कंसोर्टियम दो बार माल्या के शेयर बेच चुका है। एक बार उसे 5,824.50 करोड़ रुपये मिले थे और दूसरी बार उसे 1,357 करोड़ रुपये मिले थे। इस तरह विजय माल्या को कर्ज देने वाले बैंकों ने अपना करीब 81 फीसदी रिकवर कर लिया है। विजय माल्या पर बैंकों का कुल 9,900 करोड़ रुपये बकाया था। इसका मतलब है कि अब सिर्फ 19 फीसदी रकम की वसूली बाकी है।
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