कर्नाटक में बिजली उपभोक्ताओं के लिए राहत की खबर है। कर्नाटक विद्युत नियामक आयोग (केईआरसी) ने बुधवार को कहा कि उसने प्रति माह 100 यूनिट से अधिक की खपत करने वाले वाणिज्यिक, औद्योगिक और घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली दर में कटौती को मंजूरी दे दी है। भाषा की खबर के मुताबिक, इसके अलावा, झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग (जेएसईआरसी) ने बुधवार को राज्य में बिजली दर में 7.66 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी है।
कर्नाटक में उपभोक्ताओं को राहत
कर्नाटक विद्युत नियामक आयोग की तरफ से कटौती 1 अप्रैल से प्रभावी होगी। केईआरसी ने कहा कि ‘एलटी’ (लो टेंशन) घरेलू प्रकाश व्यवस्था के लिए ऊर्जा शुल्क में 110 पैसे प्रति यूनिट और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों के लिए 50 पैसे प्रति यूनिट की कटौती की गई है। एचटी (हाई टेंशन) वाणिज्यिक ऊर्जा शुल्क 125 पैसे प्रति यूनिट और मांग शुल्क 10 रुपये प्रति केवीए (किलोवोल्ट-एम्पीयर) कम कर दिया गया है।
साथ ही केईआरसी ने कहा कि अस्पतालों और शैक्षणिक संस्थानों के लिए, ऊर्जा शुल्क 40 पैसे प्रति यूनिट कम कर दिया गया है और मांग शुल्क 10 रुपये प्रति केवीए कम किया गया है। इसमें कहा गया है कि एचटी आवासीय अपार्टमेंट के मांग शुल्क में 10 रुपये प्रति केवीए की कमी की गई है। साथ ही एलटी निजी और शैक्षणिक संस्थानों में ऊर्जा शुल्क में 50 पैसे प्रति यूनिट और एलटी औद्योगिक प्रतिष्ठानों के लिए 100 पैसे प्रति यूनिट की कटौती की गई है।
झारखंड में महंगी हो गई बिजली दरें
झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग (जेएसईआरसी) ने एक बयान में कहा कि नई दरों के तहत, ग्रामीण क्षेत्रों में घरेलू उपभोक्ताओं को 5.80 रुपये की जगह 6.30 रुपये प्रति यूनिट का भुगतान करना होगा, जबकि शहरी उपभोक्ताओं को 6.30 रुपये की जगह 6.65 रुपये प्रति यूनिट का भुगतान करना होगा। संशोधित शुल्क दर 1 मार्च से प्रभावी होगी। सरकार सब्सिडी देना जारी रखेगी, जिसमें घरेलू ग्राहकों के लिए 125 यूनिट मुफ्त बिजली और 400 यूनिट तक विभिन्न सब्सिडी स्लैब के माध्यम से राहत शामिल है। जेबीवीएनएल (झारखंड बिजली वितरण निगम लि.) के 39.71 प्रतिशत वृद्धि के प्रस्ताव के बावजूद, आयोग ने गौर करते हुए 7.66 प्रतिशत वृद्धि को मंजूरी दी।
ग्रामीण उपभोक्ताओं के लिए निश्चित शुल्क में 25 रुपये की बढ़ोतरी की गई है, जबकि शहरी उपभोक्ताओं के लिए स्थिर शुल्क अपरिवर्तित रखा गया है। इसके अतिरिक्त, उत्पादन के पांच दिनों के भीतर भुगतान किए गए बिलों पर दो प्रतिशत की छूट का प्रस्ताव है। आयोग ने छत पर सौर पीवी परियोजनाओं के लिए टैरिफ को सकल मीटरिंग के लिए 4.16 रुपये/किलोवाट और नेट मीटरिंग के लिए 3.80 रुपये/किलोवाट पर अपरिवर्तित रखा है। झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि 100 यूनिट मुफ्त बिजली योजना से लगभग 20 लाख लोगों को फायदा हुआ है। मुफ्त बिजली की सीमा बढ़ाकर 125 यूनिट करने से करीब 30 लाख उपभोक्ताओं को फायदा होगा।
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