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Hindi News पैसा बिज़नेस कभी वेटर का करते थे काम, आज है करोड़ों का बिजनेस; पढ़िए इस शख्स की कैसे बदली किस्मत

कभी वेटर का करते थे काम, आज है करोड़ों का बिजनेस; पढ़िए इस शख्स की कैसे बदली किस्मत

स्ट्रगल हर किसी के लाइफ में होता है, लेकिन अधिक स्ट्रगल के साथ बड़ी सफलता कम लोगों को मिलती है। आज ऐसी ही कहानी हम आपको शार्क टैंक सीजन-2 में भाग लेने आए भास्कर केआर की सुनाएंगे, जिसकी कहानी ने सभी शार्क्स को हैरान करके रख दिया।

वेटर का काम करने से करोड़ों का बिजनेस खड़ा करने तक- India TV Paisa Image Source : SONY LIV वेटर का काम करने से करोड़ों का बिजनेस खड़ा करने तक

आपसे अगर मैं एक सवाल पूछूं? अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने के लिए आपको क्या चाहिए? टेक्नोलॉजी और बिजनेस के बारे में जानकारी या फिर कभी हार नहीं मानने की भावना? शायद आपके मन में अलग-अलग जवाब आएं, लेकिन शार्क टैंक इंडिया सीजन 2 के लेटेस्ट एपिसोड में बिजनेसमैन भास्कर केआर ने इन सभी चीजों से अलग एक उदाहरण प्रस्तुत किया है। भास्कर की इस असाधारण यात्रा के बारे में सुनकर उस समय सभी शार्क और दर्शक हैरान रह गए।

लक्ष्य बिजनेस को पूरे देश में फैलाना

कर्नाटक का यह शख्स अब अपने राज्य और महाराष्ट्र में करोड़ों का फूड बिजनेस चलाता है। उनका ब्रांड 'भास्कर का पुरानापोली घर' कर्नाटक और महाराष्ट्र दोनों में प्रसिद्ध है और उनका लक्ष्य इसे पूरे देश में फैलाना है। जब शार्क से पूछा गया कि वह इतना बड़ा कैसे हो गया, तो उसने आत्मविश्वास के साथ ईमानदारी और सादगी की कहानी सुनाई।

क्या है भास्कर केआर की कहानी?

भास्कर ने बताया कि जब वह छोटा था तब उसने कर्नाटक के एक रेस्तरां में वेटिंग टेबल और सामान साफ करने का काम शुरू किया था। इसके बाद उसने लगभग आठ साल तक कई अन्य छोटे-मोटे काम किए और आखिरकार सड़क के किनारे 'पूरनपोली का कोना' खोलने का फैसला किया, जहां वे खुद पूरनपोलिस पकाएंगे। जब उनका स्वाद लोकप्रिय हो गया, तो उन्होंने धीरे-धीरे उसे बड़ा किया और एक बड़ा कोना खरीदा जो बाद में चलकर एक दुकान में बदल गया।

75 लाख रुपये की डिमांड

भास्कर का पुरानापोली घर कर्नाटक में शुरू हुआ और वहां से वापस नहीं आया। वह अब राज्य में अपने ब्रांड की कई फ्रैंचाइजी चलाते हैं और महाराष्ट्र में भी एक गढ़ स्थापित कर चुके हैं जहां आज उनका ब्रांड एक घरेलू नाम बन गया है। भास्कर ने विट्ठल शेट्टी और सौरभ चौधरी के साथ मिलकर महाराष्ट्र में अपना कारोबार बढ़ाया और शार्क टैंक इंडिया सीजन 2 में 1 प्रतिशत इक्विटी के लिए 75 लाख रुपये मांगे।

नहीं मिला इंवेस्टमेंट

शार्कों ने उसे इस तथ्य का हवाला देते हुए कोई फंडिंग नहीं दी कि वह खुद पूरी तरह सही तरीके से और बेहद लाभदायक व्यवसाय चला रहा है। कई शार्क का मानना था कि भास्कर केआर को वास्तव में इतने शक्तिशाली व्यवसाय में किसी निवेश की आवश्यकता नहीं है और वह अपने ब्रांड के लिए बस कुछ मार्केटिंग करने के लिए वहां आया था। 

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