रिलायंस इंडस्ट्रीज से हाल ही में अलग हुई जियो फाइनेंसियल सर्विसेज बॉन्ड्स के जरिए 10,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रही है। कंपनी इसके लिए मर्चेंट बैंकर्स से भी बातचीत कर रही है। कंपनी की ओर से ये पहला बॉन्ड इश्यू होगा। 20 नवंबर को सामने आई एक रिपोर्ट में ये जानकारी दी गई।
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट में चार बैंकर्स के हवाले से बताया गया कि अगर सब कुछ ठीक रहता है तो चालू वित्त वर्ष में जनवरी-मार्च के बीच ये बॉन्ड इश्यू खुल सकता है। रिपोर्ट में आगे बताया गया कि ये बॉन्ड इश्यू 5,000 करोड़ रुपये से लेकर 10,000 करोड़ रुपये तक का हो सकता है।
बॉन्ड कीमत पर रिपोर्ट में बताया गया कि प्राइसिंग बॉन्ड की अवधि और बैलेंसशीट की साइज पर निर्भर करता है। ये एक एनबीएफसी कंपनी है। इस कारण से 10 से 20 बेसिस प्वाइंट्स ये आरआईएल से अधिक हो सकता है।
कंपनी कारोबार बढ़ाने की कर रही तैयारी
रॉयटर्स ने बताया कि कंपनी क्रेडिट रेटिंग्स और अन्य जरूरी एप्रूवल लेने के प्रोसेस में है। बैंकर्स की ओर से कंपनी को सलाह दी गई है कि पांच वर्ष से ज्यादा की अवधि की मैच्योरिटी वाले बॉन्ड्स जारी न करें और बॉन्ड से पहले कंपनी को छोटी अवधि के कमर्शियल पेपर जारी करने चाहिए।
रिपोर्ट में रॉकफोर्ट फिनकैप के संस्थापक और मैनेजिंग पार्टनर वेंकटकृष्णन श्रीनिवासन के हवाले से बताया गया कि मजबूत प्रमोटर होने के चलते जियो फाइनेंसियल सर्विसेज को अपने आप एएए क्रेडिट रेटिंग मिल जाएगी।
जियो फाइनेंसियल सर्विसेज का शेयर प्राइस
जियो फाइनेंसियल सर्विसेज का शेयर सोमवार के कारोबारी सत्र में 2.40 प्रतिशत या 5.20 रुपये की गिरावट के साथ 215.50 रुपये पर एनएसई पर बंद हुआ। वहीं, बीएसई पर शेयर 2.4 प्रतिशत की गिरावट के साथ 215.60 रुपये पर बंद हुआ।
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