Jet Airways द्वारा अपने कर्मचारियों को बिना वेतन छुट्टी पर भेजने की जानकारी गलत, सीईओ ने ट्वीट कर किया खारिज
Jet Airways अपने यहां काम करने वाले कर्मचारियों को बिना वेतन छुट्टी पर भेजने जा रहा है। इस खबर को कंपनी के सीईओ ने गलत बताते हुए ये बात कही है।
Jet Airways: जेट एयरवेज द्वारा कर्मचारियों को बिना वेतन के छुट्टी पर भेजे जाने की जानकारी पर बड़ा अपडेट आया है। कंपनी के सीईओ संजीव कपूर ने इसे खारिज करते हुए ट्वीट किया है। उन्होंने ये ट्वीट एक यूजर द्वारा खड़े किए गए सवाल के जवाब में किया है।
कपूर ने शुक्रवार को एक ट्वीट में कहा, "किसी को निकाला नहीं जा रहा है।" बता दें एक यूजर ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि जेट एयरवेज के मौजूदा कर्मचारियों में से 60% वरिष्ठ प्रबंधन सहित 3 महीने के लिए बिना वेतन के अवैतनिक अवकाश पर भेजे जा रहे हैं
कल आई थी ये खबर
जेट एयरवेज के भविष्य को लेकर बने अनिश्चितता के माहौल के बीच जालान- कालरॉक समूह ने शुक्रवार को कहा कि नकदी के प्रवाह को व्यवस्थित करने के लिए कंपनी निकट भविष्य में कठिन फैसले ले सकती है। समूह की समाधान योजना को राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने पिछले वर्ष जून में मंजूरी दी थी। एयरलाइन को भी नागर विमानन महानिदेशालय से इस साल मई में हवाई परिचालन का प्रमाणपत्र मिल गया, उसके बावजूद जेट एयरवेज का परिचालन शुरू नहीं हुआ है।
वेतन कटौती 50 प्रतिशत तक होगी
इस घटनाक्रम से जुड़े एक सूत्र ने कहा था कि वेतन कटौती 50 प्रतिशत तक होगी। सीईओ और सीएफओ के लिए कटौती की मात्रा अधिक होगी। प्रभावित कर्मचारियों के लिए अस्थायी वेतन कटौती और बिना वेतन के छुट्टी (एलडब्ल्यूपी) एक दिसंबर से प्रभावी होगी। तब जेट एयरवेज के सीईओ संजीव कपूर ने ट्वीट एक श्रृंखला में कहा था कि कुल कर्मचारियों का 10 प्रतिशत से कम अस्थायी अवकाश बिना वेतन पर होगा और एक तिहाई अस्थायी वेतन कटौती पर होगा।
इस वजह से बंद हुई थी जेट एयरवेज की उड़ान
कई जानकारों का कहना है कि जेट एयरवेज की मुश्किल तब से शुरू हुई जब गोयल ने 2007 में प्रतिद्वंदी कंपनी सहारा को 1450 करोड़ रुपए में खरीदा था। इस डील के साथ ही कंपनी मुश्किलों में आ गई। गोयल ने एयर डक्कन, इंडिगो और स्पाइसजेट को टक्कर देने के लिए सहारा को खरीदा था, लेकिन यह रणनीति पूरी तरह उल्टी पड़ गई। साथ ही गोयल ने आईपीओ का पैसा नए प्लेन ऑर्डर करने में खर्च कर दिया।
इसके बाद गोयल ने दूसरी गलती कर दी। उन्होंने 10 एयरबस A330 और बोइंग 777 प्लेन का ऑर्डर दे दिया। दो तरह के प्लेन खरीदकर जेट ने अपना खर्च बढ़ाने के अलावा कुछ नहीं किया। इसके साथ ही गोयल ने सीट भी कम रखी। ग्लोबल प्रैक्टिस में जहां 400 सीटें होती हैं वहां इसमें सिर्फ 308 सीटें थीं। यानी रेवेन्यू का एक चौथाई हिस्सा खुद खत्म कर लिया। लेंडर्स ने जब जेट को नीलाम करने की कोशिश की तो गोयल ने लंदन से बोली लगाई, लेकिन उनका ऑफर खारिज कर दिया गया। ऐसे कई मौकों पर एतिहाद और TPG ने धमकी दी कि अगर नरेश गोयल अपना हाथ नहीं खींचेंगे तो वो बाहर हो जाएंगे।