जापान की कंपनियां भारत में सेमीकंडक्टर यूनिट सेट अप करने को इच्छुक हैं। उनके पास घरेलू कंपनियों के साथ साझेदारी करने के लिए सभी प्रकार की विशेषज्ञता भी है। वित्तीय परामर्श एवं लेखा परीक्षा सेवा प्रदाता डेलॉयट ने मंगलवार को कहा कि भारत में सेमीकंडक्टर सेक्टर की ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए कुशल कार्यबल, धन और समर्थन देने वाले उपायों की निरंतरता महत्वपूर्ण है। पीटीआई की खबर के मुताबिक, डेलॉयट जापान के शिंगो कामया ने कहा कि जापान की कंपनियां भारत को लेकर काफी उत्साहित हैं।
अमेरिका के बाद दूसरा क्वाड पार्टनर
भारत के मुताबिक, जापान सेमीकंडक्टर परिवेश के संयुक्त विकास और अपनी ग्लोबल सप्लाई चेन की मजबूती को बनाए रखने के लिए भारत के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर करने वाला अमेरिका के बाद दूसरा क्वाड पार्टनर है। जापान ने इस समझौते पर जुलाई में हस्ताक्षर किए थे। क्वाड भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका का एक समूह हिस्सा हैं जो प्रशांत क्षेत्र के लिए अहम प्लेटफॉर्म है। डेलॉयट इंडिया के अध्यक्ष (रणनीति, जोखिम एवं लेन-देन) रोहित बेरी ने कहा कि टेक्नोलॉजी और एक्सपर्टीज को देखते हुए सेमीकंडक्टर के ऐसे महत्वाकांक्षी और महत्वपूर्ण परिवेश को विकसित करने के लिए जापान से बेहतर कोई साझेदार नहीं है।
आने वाली कई पीढ़ियों को फायदा होगा
बेरी ने कहा कि कहा कि देश में सेमीकंडक्टर की कहानी सिर्फ एक कारखाना लगाने की नहीं है, बल्कि यह पूरे परिवेश की कहानी है। बेरी ने कहा कि यह एक या दो वर्ष की बात नहीं है बल्कि इससे हमारी और जापान की आने वाली कई पीढ़ियों को फायदा होगा।
10 लाख नौकरियां पैदा होने की है गुंजाइश
भारत सेमीकंडक्टर विनिर्माण केंद्र बनने की ओर अग्रसर है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सेमीकंडक्टर क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ता भारत 2026 तक इसके विभिन्न क्षेत्रों में 10 लाख नौकरियों का सृजन कर सकता है। प्रतिभा समाधान कंपनी एनएलबी सर्विसेज की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि यह मांग विभिन्न श्रेणियों में दिखने की उम्मीद है। इनमें चिप सेमीकंडक्टर विनिर्माण में लगभग तीन लाख नौकरियां, एटीएमपी (असेंबली, परीक्षण, मार्किंग और पैकेजिंग) में लगभग दो लाख नौकरियां और चिप डिजाइन, सॉफ्टवेयर विकास, सिस्टम सर्किट और विनिर्माण आपूर्ति शृंखला प्रबंधन में अतिरिक्त पद शामिल हैं।
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