भारत का दोस्त जापान भारत के विकास में हमेशा से योगदान देता रहा है। एक बार फिर जापान भारत में नौ प्रोजेक्ट्स के लिए 232.20 अरब येन (लगभग 12,800 करोड़ रुपये) का कर्ज देने की प्रतिबद्धता जतायी है। भाषा की खबर के मुताबिक, वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को इस बात की जानकारी दी। जापान सरकार की तरफ से मिलने वाले कर्ज से भारत में विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित परियोजनाओं को मदद मिलेगी।
इन परियोजनाओं को मिलेगी जापान से मदद
खबर के मुताबिक, इन परियोजनाओं में पूर्वोत्तर में सड़क नेटवर्क संपर्क, तेलंगाना में स्टार्ट-अप और इनोवेशन (नवोन्मेष) को बढ़ावा देने के लिए परियोजना, चेन्नई पेरिफेरल रिंग रोड के निर्माण, हरियाणा में पर्यावरण अनुकूल बागवानी को बढ़ावा देने और राजस्थान में जलवायु परिवर्तन प्रतिक्रिया और इकोसिस्टम सेवाओं को बेहतर बनाने से जुड़ी परियोजनाएं शामिल हैं। वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा कि सड़क नेटवर्क संपर्क परियोजनाओं का लक्ष्य देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास में सुधार करना है, जबकि चेन्नई में पेरिफेरल रिंग रोड परियोजना का उद्देश्य यातायात की भीड़ को कम करना है।
दोनों देशों के बीच हुए हस्ताक्षर
वित्त मंत्रालय के मुताबिक, इस समझौते पर आर्थिक मामलों के विभाग में अतिरिक्त सचिव विकास शील और भारत में जापान के राजदूत सुजुकी हिरोशी ने हस्ताक्षर किए। बयान में कहा गया है कि नगालैंड में परियोजना के तहत मेडिकल कॉलेज अस्पताल को डेवलप किया जाएगा। इससे चिकित्सा सेवा को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। तेलंगाना की परियोजना के तहत महिलाओं और ग्रामीण आबादी पर ध्यान केंद्रित करते हुए उद्यमिता कौशल का पता लगाने के साथ एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम) के व्यापार विस्तार का समर्थन किया जाएगा।
बीते साल 21 दिसंबर को, जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (JICA) ने मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल (वी) के निर्माण के लिए 400,000 मिलियन येन और भारत में सतत विकास लक्ष्यों की दिशा में जापान-भारत सहकारी कार्यों के लिए कार्यक्रम फेज 2 के लिए 15,301 मिलियन येन का कर्ज देने के लिए हस्ताक्षर किए थे।
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