आईफोन विनिर्माता एप्पल की आपूर्तिकर्ता फॉक्सकॉन ने अगले साल तक भारत में रोजगार, निवेश तथा कारोबार का आकार दोगुना करने की प्रतिबद्धता जताई है। यह देश में उसकी सुचारू तथा तीव्र वृद्धि को रेखांकित करता है। कंपनी के एक कार्यकारी ने यह बात कही। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को रविवार को उनके जन्मदिन पर शुभकामनाएं देते हुए फॉक्सकॉन के प्रतिनिधि वी ली ने अपने लिंक्डइन पर लिखा, ‘‘आपके नेतृत्व में फॉक्सकॉन ने भारत में सुचारू व तीव्र गति से वृद्धि की है।’’ प्रधानमंत्री मोदी रविवार को 73 वर्ष के हो गए। ली ने कहा, ‘‘ हमने भारत में रोजगार, एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) और व्यापार के आकार को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है। अगले साल आपको जन्मदिन का एक बड़ा उपहार देने के लिए और अधिक मेहनत करेंगे।’’
अभी कंपनी में 40 हजार लोग करते हैं काम
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को कहा कि सरकार भारत में अपनी विनिर्माण क्षमता दोगुनी करने की ताइवानी इलेक्ट्रॉनिक्स दिग्गज फॉक्सकॉन की महत्वाकांक्षी योजनाओं का समर्थन करने के लिए "पूरी तरह से प्रतिबद्ध" है। इलेक्ट्रॉनिक्स की दुनिया में अनुबंध पर सबसे बड़ी निर्माता फॉक्सकॉन चीन के बाहर एक वैकल्पिक आपूर्ति श्रृंखला स्थापित करने के लिए भारत मे अवसर तलाश रही है। फॉक्सकॉन ऐप्पल आईफोन का मुख्य असेंबलर है और दोनों कंपनियां चीन से दूर जाकर वैकल्पिक आपूर्ति श्रृंखला बनाने की इच्छुक हैं। फॉक्सकॉन के पास पहले से ही तमिलनाडु में एक आईफोन फैक्ट्री है, जिसमें 40 हजार लोग कार्यरत हैं और उसने राज्य में एक नई इलेक्ट्रॉनिक्स घटक इकाई में 1,600 करोड़ रुपये का निवेश करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिससे छह हजार नौकरियां पैदा होंगी। कंपनी ने यह भी घोषणा की है कि वह तेलंगाना में अपनी विनिर्माण सुविधा में अतिरिक्त 3,300 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इससे राज्य में कंपनी का कुल निवेश 4,550 करोड़ रुपये से अधिक हो जाएगा।
भारत निवेश के लिए एक महत्वपूर्ण देश
इस महीने की शुरुआत में होन हाई टेक्नोलॉजी ग्रुप (फॉक्सकॉन) के चेयरमैन एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) यंग लियू ने कहा था कि भारत भविष्य में विनिर्माण के मामले में एक महत्वपूर्ण देश होगा। गौरतलब है कि उनकी इस टिप्पणी को देश के साहसिक कदमों को वैश्विक कंपनियों द्वारा स्वीकार करने से जोड़कर देखा गया था। लियू ने कहा था, ‘‘यदि कोई बड़ा बदलाव नहीं होता है, तो भविष्य में विनिर्माण की दृष्टि से भारत हमारे काफी महत्वपूर्ण बाजार में होगा।’’
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