Agrifoodtech Startups: पीएम मोदी अभी विदेश दौरे पर हैं। उन्होंने वहां दिए अपने भाषण में कहा कि भारत में स्टार्टअप तेजी से बढ़ रहे हैं, दुनिया भर की कंपनियां निवेश कर रही है। इस बात से नहीं इनकार किया जा सकता है कि इंडिया दुनिया का सबसे बड़ा मार्केट है, क्योंकि भारत के पास सबसे अधिक जनसंख्या है। जितनी ज्यादा जनसंख्या, उतनी अधिक डिमांड। जहां डिमांड, वहां सप्लाई। बस यही तो है बाजार का खेल। अब खेल बदल रहा है। साल 2022 में जिस तेजी के साथ एग्रीफूडटेक स्टार्टअप को फंडिंग मिली थी, उसके मुकाबले 2023 में स्थिति दयनीय है। आइए जानते हैं कि आंकड़े क्या कहते हैं? और यह चिंता का विषय है या नहीं।
इंडिया एग्रीफूडटेक इन्वेस्टमेंट रिपोर्ट
AG फंडर और ओमनीवोर की संयुक्त रिपोर्ट के अनुसार, पिछले कैलेंडर वर्ष के दौरान भारतीय एग्रीफूडटेक स्टार्टअप में निवेश 33 प्रतिशत घटकर 2.4 अरब डॉलर रह गया। इसका कारण पिछले वर्ष का उच्च आधार स्तर(ब्याज दर) का होना है। इंडिया एग्रीफूडटेक इन्वेस्टमेंट रिपोर्ट 2023 में कहा गया है कि भारत में एग्रीफूडटेक स्टार्टअप ने वर्ष 2022 में कुल 2.4 अरब डॉलर जुटाए, जो वर्ष 2021 से 33 प्रतिशत कम है। वर्ष 2021 में 230 सौदों की तुलना में सौदों की संख्या भी वर्ष 2022 में घटकर 133 रह गई।
इंडिया में 80,152 से अधिक रजिस्टर्ड स्टार्टअप
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में एग्रीफूडटेक स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र ने 2022 में उद्यम पूंजी वित्तपोषण में वैश्विक रुख का अनुकरण किया। वर्ष 2022 में वित्तपोषण 33 प्रतिशत घटकर 2.4 अरब डॉलर रह गया जो वर्ष 2021 में 3.6 अरब डॉलर का हुआ था। बता दें कि नैसकॉम की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 80,152 से अधिक रजिस्टर्ड स्टार्टअप हैं। यही वजह है कि भारत पिछले एक दशक में स्टार्टअप्स के लिए एक हॉटबेड बन गया है।
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