केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को दो हजार रुपये के नोटों को वापस लेने पर कांग्रेस नेता पी चिदंबरम के बयान की आलोचना की। उन्होंने कहा कि इस तरह के मामलों में पूर्व वित्त मंत्री को दोष लगाना अच्छा नहीं लगता। वह नरेंद्र मोदी सरकार के नौ साल पूरे होने पर यहां आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में पत्रकारों से बात कर रही थीं।
इससे पहले चिदंबरम ने सोमवार को कहा था कि दो हजार रुपये का नोट जारी करने और बाद में इसे वापस लेने से भारतीय मुद्रा की अखंडता और स्थिरता पर संदेह पैदा हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रमुख आर्थिक संकेतक नीचे की ओर इशारा कर रहे हैं और इस बात का भरोसा कम है कि अर्थव्यवस्था उच्च वृद्धि के रास्ते पर पहुंच जाएगी। भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल ही में 2000 रुपये के नोटों को चलन से वापस लेने की घोषणा की थी और लोगों से इसे 30 सितंबर तक बैंकों में जमा करने या बदलने के लिए कहा।
चिदंबरम की टिप्पणियों के बारे में पूछने पर सीतारमण ने कहा, ‘‘इस प्रकार के मामलों में मुद्रा, केंद्रीय बैंक के फैसले पर संदेह करना पूर्व वित्त मंत्री के लिए अच्छा नहीं है, जो इस मंत्रालय में रह चुके हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि हम सभी के लिए यह बेहतर होगा कि हम स्थिति को समझें और जिस कार्यालय में वह रह चुके हैं, उसके बारे में उचित टिप्पणी करें और राय देते समय हल्की बात न करें।’’
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