नयी दिल्ली। विवादों में घिरी कंपनी भारतपे के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सुहैल समीर ने कर्मचारियों को एक पत्र लिखकर कहा है कि कंपनी में संचालन संबंधी खामियों के ‘‘गंभीर आरोपों’’ को देखते हुए बाहरी विशेषज्ञों की निगरानी में ऑडिट जरूरी हो गया था। भारतपे के सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर की कंपनी के निदेशक मंडल के साथ जारी तनातनी के बीच समीर ने यह पत्र लिखा है।
इस पत्र में उन्होंने कर्मचारियों से नेतृत्व में भरोसा बनाए रखने का अनुरोध करते हुए कहा कि लेखाकारों की अंतरिम रिपोर्ट अगले एक-दो हफ्ते में आ सकती है। उन्होंने संचालन प्रक्रिया संबंधी आरोपों के बारे में विस्तार से कुछ नहीं कहा। इस पत्र की एक प्रति पीटीआई-भाषा के पास भी है। इसमें समीर ने कहा है कि संचालन संबंधी समीक्षा जानी-मानी एवं प्रतिष्ठित ऑडिट कंपनियां (एसएएम, अल्वारेज ऐंड मार्शल तथा पीडब्ल्यूसी) कर रही हैं।
समीर ने कहा, ‘‘कुछ आंतरिक शिकायतों के आधार पर हमने हमारी संचालन प्रक्रिया का पूरा ऑडिट करवाने का फैसला किया। समीक्षा के कुछ निष्कर्ष हमारी जैसी तेज वृद्धि करने वाली कंपनी के लिहाज से मानक हैं लेकिन कुछ गंभीर आरोप भी हैं जिनकी अभी पुष्टि की जा रही है।’’
उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है जिसे सुधारा नहीं जा सकता और इनमें से किसी का भी कारोबार की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ेगा। समीर ने बताया कि लेखाकार एक-दो हफ्ते में निदेशक मंडल के साथ अंतरिम रिपोर्ट साझा करेंगे। समीर ने पत्र में लिखा कि भारतपे के पास बैंक में बड़ी मात्रा में, करीब 50 करोड़ डॉलर की नकदी है। इसके अलावा मौजूदा निवेशक भी कंपनी का समर्थन जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि कंपनी को निकट भविष्य में पूंजी जुटाने की जरूरत नहीं है।
गौरतलब है कि भारतपे के सह-संस्थापक ग्रोवर इस समय कथित धोखाधड़ी, अभद्र व्यवहार और कॉरपोरेट प्रशासन से जुड़े मामलों में जांच का सामना कर रहे हैं। वह इन दिनों लंबी छुट्टी पर चल रहे हैं।
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