Infosys डेटा एनालिटिक्स और SAAS सेगमेंट की कंपनियां खरीदेगी, CEO सलिल पारेख ने बताया प्लान
पारेख ने कहा कि जेनरेटिव यानी सृजन से जुड़े कृत्रिम मेधा (AI) में ग्राहकों की गहरी दिलचस्पी है और कंपनी में भी इनकी भारी मांग है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें इन नए जमाने की तकनीकों के कारण अपनी कंपनी में किसी छंटनी की आशंका नहीं है।
भारत की दूसरी सबसे बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी (IT) सेवा कंपनी इन्फोसिस (Infosys) इस साल दो अधिग्रहणों के बाद और कंपनियों को लेने की तैयारी में है। इन्फोसिस के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) सलिल पारेख ने कहा कि कंपनी डेटा एनालिटिक्स, सेवा के तौर पर सॉफ्टवेयर (SAAS) जैसे क्षेत्रों में अधिग्रहण की इच्छुक है तथा यूरोप और अमेरिका के कुछ भौगोलिक क्षेत्रों पर भी विचार कर सकती है। यह पूछे जाने पर कि क्या और अधिक अधिग्रहण, प्रौद्योगिकी क्षेत्र के समान पैमाने के हो सकते हैं, पारेख ने कहा, "बिल्कुल, मुझे लगता है कि हम पैमाने के संदर्भ में इसी आकार पर विचार करेंगे और हमारी संरचना को देखते हुए हम इनमें से कुछ अधिग्रहण कर सकते हैं।"
इस साल किये 2 अधिग्रहण
कंपनी ने प्रौद्योगिकी क्षेत्र में 45 करोड़ यूरो के अधिग्रहण किए हैं। इन्फोसिस ने जनवरी में भारत में मुख्यालय वाली सेमीकंडक्टर डिजाइन सेवा कंपनी इनसेमी टेक्नोलॉजी सर्विसेज में 100 प्रतिशत इक्विटी शेयर हासिल करने के लिए एक पक्के समझौते की घोषणा की। इस सौदे की कुल कीमत 280 करोड़ रुपये तक थी (जिसमें कमाई, प्रबंधन प्रोत्साहन और प्रतिधारण बोनस शामिल हैं)। कंपनी ने तीन महीने बाद एक और बड़ा अधिग्रहण किया। पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी कंपनी इन्फोसिस जर्मनी ने अप्रैल में इन-टेक होल्डिंग में 45 करोड़ यूरो (लगभग 4,045 करोड़ रुपये) तक की राशि पर 100 प्रतिशत इक्विटी शेयर अधिग्रहण करने के लिए पक्का समझौता किया। इन-टेक होल्डिंग जर्मनी में मुख्यालय वाली इंजीनियरिंग अनुसंधान एवं विकास सेवाओं की अग्रणी प्रदाता कंपनी है।
और अधिग्रहण करेंगे
पारेख ने कहा,“इन्फोसिस के अंदर इंजीनियरिंग सेवाओं में हमारा पहले से ही बहुत अच्छा कारोबार है और फिर हमने दो अधिग्रहण किए, दोनों ही इंजीनियरिंग सेवाओं में, एक सेमीकंडक्टर की तरफ और एक ऑटोमोटिव की तरफ। बहुत मजबूत कारोबार है और हम उस क्षेत्र में विस्तार को लेकर काफी अच्छा महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन्फोसिस और अधिक अधिग्रहण पर नजर रख रही है तथा कंपनी कई कंपनियों का मूल्यांकन कर रही है।
जेनरेटिव एआई में ग्राहकों की दिलचस्पी
पारेख ने कहा कि जेनरेटिव यानी सृजन से जुड़े कृत्रिम मेधा (AI) में ग्राहकों की गहरी दिलचस्पी है और कंपनी में भी इनकी भारी मांग है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें इन नए जमाने की तकनीकों के कारण अपनी कंपनी में किसी छंटनी की आशंका नहीं है। पारेख ने 3.9 अरब डॉलर के जीएसटी टैक्स मांग के बारे में कहा कि इन्फोसिस ने पहले ही इस बारे में बता दिया है और शेयर बाजार को दी सूचना में भी खुलासे कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि उनके पास साझा करने के लिए कोई नयी जानकारी नहीं है। यह पूछे जाने पर कि क्या कंपनी कई वर्षों से बकाया करों की मांग को देखते हुए इसके लिए प्रावधान करेगी, उन्होंने कहा, ''हमारे पास कोई नयी सूचना नहीं है। स्थिति वैसी ही है, जैसी हमने कुछ दिन पहले साझा की थी।''
उन्होंने कहा कि जनरेटिव एआई पर ग्राहकों की ओर से बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिली है और उन्होंने इसकी तुलना अतीत में डिजिटल और क्लाउड प्रौद्योगिकियों के लिए देखी गई प्रवृत्ति से की। पारेख का मानना है कि समय के साथ जनरेटिव एआई को अपनाने की प्रक्रिया में वृद्धि होगी क्योंकि उद्यमों को इससे होने वाले लाभ और व्यावसायिक परिणाम मिलेंगे। उन्होंने कहा, ''इसलिए हमें लगता है कि समय बीतने के साथ इसमें तेजी आएगी, लेकिन हम इंतज़ार करेंगे और देखेंगे कि यह कैसे विकसित होता है। यह कुछ ऐसा है, जैसे कुछ साल पहले हमने डिजिटल या क्लाउड के साथ शुरुआत की थी।'' पारेख ने कहा कि अगर इनसे ग्राहकों को लाभ होगा तो अधिक से अधिक लोग इसे अपनाएंगे।