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Hindi News पैसा बिज़नेस महंगाई अपना सितम और ढाएगी, खाने-पीने के सामान की कीमतें 3 गुना बढ़ जाएंगी, जानें कब तक?

महंगाई अपना सितम और ढाएगी, खाने-पीने के सामान की कीमतें 3 गुना बढ़ जाएंगी, जानें कब तक?

रिसर्च के अनुसार, 2050 तक उपभोक्ता खाद्य कीमतों में करीब तीन गुना की वृद्धि होगी। इससे तमाम खाने-पीने के सामान की कीमत काफी बढ़ जाएगी।

Inflation - India TV Paisa Image Source : FILE महंगाई

आसमान छूती महंगाई से हर कोई परेशान है, लेकिन यह महंगाई आने वाले सालों में अपना सितम और ढाएगी। इसकी मुख्य वजह होगी जलवायु परिवर्तन और उसका असर। जर्मनी के पॉट्सडैम इंस्टीट्यूट फॉर क्लाइमेट इम्पैक्ट रिसर्च (पीआईके) के शोधकर्ताओं ने कहा कि महत्वाकांक्षी जलवायु नीतियों के बावजूद कम आय वाले देशों में 2050 तक उपभोक्ता खाद्य कीमतों में 2.45 गुना वृद्धि होगी। इस दौरान उत्पादक कीमतें बढ़कर 3.3 गुना हो जाएंगी।  कम आय वाले देशों में उपभोक्ता कीमतों में बढ़ोतरी से किसान कम प्रभावित होंगे, लेकिन फिर भी इन देशों में लोगों के लिए पर्याप्त और स्वस्थ भोजन खरीदना मुश्किल हो जाएगा। यानी लोगों पर महंगाई का व्यापक असर देखने को मिलेगा। जानकारों का कहना है कि दुनियाभर में महंगाई बढ़ने का असर भारत पर भी दिखाई देगा। 

किसानों को बहुत कम मिल रहा हिस्सा

पीआईके के वैज्ञानिक और 'नेचर फूड' में प्रकाशित अध्ययन के प्रमुख लेखक डेविड मेंग-चुएन चेन ने कहा, अमेरिका या जर्मनी जैसे उच्च आय वाले देशों में, किसानों को खाद्य खर्च का एक चौथाई से भी कम मिलता है, जबकि उप-सहारा अफ्रीका में यह 70 प्रतिशत से अधिक है, जहां खेती की लागत खाद्य कीमतों का एक बड़ा हिस्सा है। उन्होंने कहा, यह अंतर इस बात को रेखांकित करता है कि विभिन्न क्षेत्रों में खाद्य प्रणालियां कितने अलग-अलग तरीके से काम करती हैं। शोधकर्ताओं ने अनुमान लगाया कि जैसे-जैसे अर्थव्यवस्थाएं विकसित होंगी और खाद्य प्रणालियां औद्योगिक होंगी, किसानों को उपभोक्ता व्यय का कम हिस्सा मिलेगा।

136 देशों पर रिसर्च किया गया 

विश्लेषण के लिए, शोधकर्ताओं ने सांख्यिकीय और प्रक्रिया-आधारित मॉडल का उपयोग करके 136 देशों और 11 खाद्य समूहों में खाद्य मूल्य कम्पोनेंट का मूल्यांकन किया। संपूर्ण खाद्य मूल्य श्रृंखलाओं का विश्लेषण करने से शोधकर्ताओं को यह समझने में भी मदद मिली कि ग्रीनहाउस गैसों को कम करने के उद्देश्य से बनाई गई नीतियां उपभोक्ताओं को कैसे प्रभावित करती हैं। चेन ने कहा, कृषि में उत्सर्जन को कम करने के उद्देश्य से बनाई गई जलवायु नीतियां अक्सर खाद्य कीमतों में वृद्धि के बारे में चिंताएं पैदा करती हैं। विश्लेषण के मुताबिक आधुनिक खाद्य प्रणालियों की लंबी आपूर्ति श्रृंखलाएं उपभोक्ता कीमतों को भारी वृद्धि से बचाती हैं। 

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