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महंगाई को लेकर आई बड़ी राहत की खबर, RBI ने किया ये बड़ा दावा

खुदरा मुद्रास्फीति सितंबर में बढ़कर 7.41 प्रतिशत पर पहुंच गई। यह लगातार नौंवां महीना रहा जब मुद्रास्फीति आरबीआई के छह प्रतिशत के संतोषजनक स्तर से ऊपर बना हुआ है।

RBI- India TV Paisa Image Source : PTI (FILE PHOTO) RBI

Highlights

  • आरबीआई बुलेटिन में कहा गया है कि भारत में आर्थिक गतिविधियां लचीली बनी हुई
  • घरेलू मांग में तेजी के साथ वृद्धि के साथ ही अर्थव्यवस्था विस्तार को तैयार
  • कठिनाई के बावजूद मुद्रास्फीति सितंबर के उच्च स्तर से नीचे आने के लिए तैयार

त्योहारी सीजन में आसमान छूती महंगाई ने लोगों पर वित्तीय बोझ बढ़ाने का काम किया है। खाने-पीने से लेकर सभी जरूरी सामान के दाम बढ़े हुए हैं। अब महंगाई को लेकर एक बड़ी राहत भरी खबर आई है। दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने उम्मीद जताई है कि सितंबर के अपने रिकॉर्ड हाई से महंगाई की दर में कमी आएगी। यानी अब महंगाई धीरे-धीरे कम होगी। हालांकि इसकी गति धीमी रहेगी। यह बात केंद्रीय बैंक के अक्टूबर के मासिक बुलेटिन में कही गई है। बुलेटिन में अर्थव्यवस्था की स्थिति पर प्रकाशित लेख में केंद्रीय बैंक ने कहा कि मुद्रास्फीति दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक भारत की संभावनाओं को प्रभावित करेगा।

भारतीय अर्थव्यवस्था पर मंदी का असर नहीं

मौजूदा वैश्विक आर्थिक परिदृश्य के विपरीत, आरबीआई बुलेटिन में कहा गया है कि भारत में आर्थिक गतिविधियां व्यापक रूप से लचीली बनी हुई हैं। घरेलू मांग में तेजी के साथ वृद्धि के साथ ही अर्थव्यवस्था विस्तार को तैयार हैं। अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में उछाल आ रहा है। अर्थव्यवस्था की वैश्विक परिदृश्य पर टिप्पणी करते हुए बुलेटिन में कहा गया है कि आक्रामक और समकालिक मौद्रिक सख्ती ने वैश्विक आर्थिक संभावनाओं को और कमजोर कर दिया है, क्योंकि खस्ताहाल वित्तीय बाजारों की वजह से निवेशकों में डर गए हैं। उन्होंने जोखिम लेना छोड़ दिया है। बुलेटिन में कहा गया है कि मजबूत क्रेडिट वृद्धि और मजबूत कॉर्पोरेट और बैंक बैलेंस शीट अर्थव्यवस्था को और मजबूती प्रदान करते हैं। कठिनाई के बावजूद मुद्रास्फीति सितंबर के उच्च स्तर से नीचे आने के लिए तैयार है, हालांकि इसकी गति धीमी होगी। ये कारक दुनिया की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक, भारत की आर्थिक संभावनाओं को और मजबूत बनाएंगे।

तीन तिमाहियों से लक्ष्य से ऊपर

आरबीआई के अक्टूबर बुलेटिन में कहा है कि महंगाई लगातार तीन तिमाहियों से सुविधाजनक दायरे से ऊपर बने होने से मौद्रिक नीति मुद्रास्फीति का लक्ष्य के साथ तालमेल बिठाने पर केंद्रित बनी रहेगी।" दरअसल मुद्रास्फीति के लगातार छह प्रतिशत के संतोषजनक स्तर से ऊपर बने रहने के बाद आरबीआई को इसके बारे में उठाए गए कदमों को लेकर सरकार को रिपोर्ट देनी होगी। आरबीआई के इस बुलेटिन में पर्यावरण मंत्रालय के तहत हरित जीडीपी के लिए एक समर्पित प्रकोष्ठ बनाने का भी सुझाव दिया गया है। यह प्रकोष्ठ पर्यावरणीय ह्रास, प्राकृतिक संसाधनों में कमी और संसाधनों की बचत से जुड़ी गणनाएं कर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में उनका समायोजन करेगा।

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