Inflation in India: अप्रैल के महीने में भारत की खुदरा महंगाई 18 महीने के निचले स्तर 4.70 प्रतिशत पर आ गई है। शुक्रवार को राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों से पता चला है कि अप्रैल में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) भारतीय रिज़र्व बैंक के मध्यावधि 4+/- 2 प्रतिशत लक्ष्य की ऊपरी सीमा से नीचे 4.70 पर रहा है। देश की हेडलाइन महंगाई लगातार दूसरे महीने आरबीआई की सीमा के भीतर रही। मार्च में भारत की हेडलाइन महंगाई 5.66 प्रतिशत थी। उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (सीएफपीआई) अप्रैल में घटकर 3.84 प्रतिशत रह गया, जबकि मार्च में यह 4.79 प्रतिशत था। इस बीच अप्रैल में ग्रामीण महंगाई 4.68 प्रतिशत और शहरी महंगाई 4.85 प्रतिशत रही।
RBI की जादू का दिखा असर
महंगाई को बैंड के तहत रखने के लिए आरबीआई ने पिछले साल मई से रेपो दर में 250 आधार अंकों की बढ़ोतरी की है। आरबीआई की रेपो दर वर्तमान में 6.50 प्रतिशत है। मार्च में भारत का औद्योगिक उत्पादन 1.1 प्रतिशत बढ़ा, एनएसओ ने अलग से जारी आंकड़ों में कहा। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के संदर्भ में मापा गया कारखाना उत्पादन पिछले साल मार्च में 2.2 प्रतिशत बढ़ा। मार्च में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का आउटपुट 0.5 फीसदी बढ़ा, जबकि इसी महीने माइनिंग सेक्टर का आउटपुट 6.8 फीसदी बढ़ा। मार्च में भारत का बिजली उत्पादन मार्च में 1.6 घट गया। वित्त वर्ष 2023 में, आईआईपी 2022-23 में 5.1 प्रतिशत बढ़ा, जबकि वित्त वर्ष 2021-22 में यह 11.4 प्रतिशत था।
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