अंकारा। तुर्की में महंगाई आसमान पर पहुंच गई है। फरवरी महीने में तुर्की में मुद्रास्फीति 54.44 प्रतिशत पर पहुंच गई है। बृहस्पतिवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। तुर्की में मुद्रास्फीति की यह दर सितंबर, 2002 के बाद सबसे अधिक है। वहीं, अगर भारत की बात करें तो यहां जनवरी में सात महीने के उच्च स्तर 6.01 प्रतिशत पर पहुंची गई। रूस के यूक्रेन पर हमले के कारण दुनियाभर में महंगाई तेजी से बढ़ने की आशंका है। कच्चे तेल की कीमत रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गई है। यह महंगाई बढ़ाने का काम करेगा।
लोगों की परेशानी बढ़ी
इसके कारण लोगों की तकलीफ बढ़ गई है, जो पहले से जरूरी सामान खरीदने के लिए मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। तुर्की सांख्यिकी संस्थान ने कहा कि एक साल पहले की तुलना में फरवरी में उपभोक्ता कीमतों में 54.44 प्रतिशत की वृद्धि हुई। यह जनवरी में लगभग 49 प्रतिशत थीं। वही इसकी तुलना में यूरो मुद्रा का उपयोग करने वाले 19 देशों में वार्षिक मुद्रास्फीति फरवरी के दौरान रिकॉर्ड 5.8 प्रतिशत तथा अमेरिका की मुद्रास्फीति जनवरी के दौरान 7.5 प्रतिशत पर पहुंच गयी।
ब्रिटेन में भी 30 साल में सबसे अधिक महंगाई
ऊर्जा, परिवहन और घरों की लागत बढ़ने से ब्रिटेन में मुद्रास्फीति करीब 30 साल में सबसे अधिक तेजी से बढ़ी है। महंगाई की वजह से ब्रिटेन के परिवारों का बजट बिगड़ गया है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने बुधवार को कहा कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक जनवरी में बढ़कर 5.5 प्रतिशत पर पहुंच गया। दिसंबर में यह 5.4 प्रतिशत पर था। ताजा आंकड़ा मार्च, 1992 के बाद सबसे ऊंचा है। उस समय ब्रिटेन में मुद्रास्फीति की दर 7.2 प्रतिशत पर पहुंच गई थी। वहीं अमेरिका में पिछले महीने महंगाई दर पिछले करीब चार दशक के ऊंचे स्तर 7.5 प्रतिशत पर पहुंच गई है। दूसरी तरफ यूरो मुद्रा का इस्तेमाल करने वाले 19 देशों में मुद्रास्फीति की दर रिकॉर्ड 5.1 प्रतिशत पर पहुंच गई है।
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