A
Hindi News पैसा बिज़नेस ब्रिटेन में मुद्रास्फीति 40 साल के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची, महंगाई दर बढ़कर 10.1 प्रतिशत हुई

ब्रिटेन में मुद्रास्फीति 40 साल के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची, महंगाई दर बढ़कर 10.1 प्रतिशत हुई

खाद्य मुद्रास्फीति एक साल पहले की तुलना में 14.5 प्रतिशत तक बढ़ गई। यह 1980 के बाद की सर्वाधिक खाद्य मुद्रास्फीति है।

Britain Inflation - India TV Paisa Image Source : AP Britain Inflation

Highlights

  • अगस्त में मुद्रास्फीति में 9.9 प्रतिशत पर पहुंची थी
  • ब्रिटेन में मुद्रास्फीति वर्ष 1982 के बाद के उच्चतम स्तर पर
  • बैंक ऑफ इंग्लैंड की तरफ से ब्याज दर में एक बार फिर बढ़ोतरी संभव

ब्रिटेन में खाद्य उत्पादों के दाम बढ़ने से सितंबर में मुद्रास्फीति 40 साल के उच्च स्तर 10.1 प्रतिशत पर पहुंच गई। ब्रिटेन के राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय ने बुधवार को सितंबर के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़े जारी करते हुए कहा कि इस महीने में सूचकांक 10.1 प्रतिशत उछल गया। अगस्त में मुद्रास्फीति में 9.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। मुद्रास्फीति के नए आंकड़ों से पता चलता है कि ब्रिटेन में मुद्रास्फीति वर्ष 1982 के शुरुआती समय के बाद के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। इस दौरान जुलाई 2022 में भी मुद्रास्फीति ने इस स्तर को छुआ था। सांख्यिकीय कार्यालय ने कहा कि सितंबर में मुद्रास्फीति की तीव्र वृद्धि में खाद्य उत्पादों का बड़ा योगदान रहा है।

खाद्य मुद्रास्फीति में बड़ा उछाल

इस दौरान खाद्य मुद्रास्फीति एक साल पहले की तुलना में 14.5 प्रतिशत तक बढ़ गई। यह 1980 के बाद की सर्वाधिक खाद्य मुद्रास्फीति है। मुद्रास्फीति के इस उच्च स्तर को देखते हुए बैंक ऑफ इंग्लैंड की तरफ से नीतिगत ब्याज दर में एक बार फिर बढ़ोतरी किए जाने की आशंका बढ़ गई है। ब्रिटिश केंद्रीय बैंक मुद्रास्फीति को दो प्रतिशत तक लाने की कोशिशों में लगा हुआ है लेकिन इसमें अभी तक उसे नाकामी का ही सामना करना पड़ा है। इसके साथ ही नए वित्त मंत्री जेरमी हंट के लिए भी वित्तीय स्थिरता की बहाली अधिक चुनौतीपूर्ण बन जाएगी। पिछले हफ्ते ही कार्यभार संभालने वाले हंट ने कहा है कि सरकार कमजोर लोगों को मदद पहुंचाने को प्राथमिकता देगी।

व्यापार समझौता पूरा करने के लिए उत्सुक

ब्रिटेन की गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन ने कहा है कि भारत के साथ व्यापार समझौता पूरा करने के लिए उनका देश उत्सुक है ताकि दोनों अर्थव्यवस्थाओं को मजबूती मिल सके। ब्रेवरमैन ने मंगलवार शाम को यहां इंडिया ग्लोबल फोरम (आईजीएफ) की तरफ से दीपावली के पहले आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि ब्रेक्सिट के बाद व्यापार या वीजा को लेकर ब्रिटेन की सोच यूरो-केंद्रित नहीं रह गई है। भारतीय मूल की ब्रेवरमैन ने हाल ही में भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को लेकर अपने बयान के बाद उपजे विवाद को देखते हुए अपनी स्थिति स्पष्ट करने की कोशिश करते हुए कहा कि ब्रिटेन के गांवों, कस्बों एवं शहरों का भारत से आने वाले लोगों से काफी संवर्धन हुआ है। ब्रेवरमैन ने कहा, "स्वाभाविक रूप से हमारे देशों को एक साथ मिलकर काम करने के लिए एक आर्थिक अनिवार्यता है। इसीलिए हम एक व्यापार समझौता संपन्न होने के लिए इतने उत्सुक हैं।" इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्थाओं को सशक्त करने के साथ वर्ष 2030 तक आपसी संबंधों को और मजबूत बनाने का भी साझा संकल्प है। उन्होंने कहा कि भारत और ब्रिटेन के द्विपक्षीय रिश्तों के अलावा हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए भी यह काफी महत्वपूर्ण है।

Latest Business News