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Hindi News पैसा बिज़नेस Inflation hits real estate: घर खरीदना हुआ अब और महंगा, दिल्ली-एनसीआर में सबसे ज्यादा बढ़े दाम

Inflation hits real estate: घर खरीदना हुआ अब और महंगा, दिल्ली-एनसीआर में सबसे ज्यादा बढ़े दाम

हैदराबाद में एक साल पहले की तुलना में जनवरी-मार्च, 2022 की अवधि में आवासीय इकाइयों की कीमत नौ प्रतिशत बढ़कर 9,232 रुपये प्रति वर्ग फुट पहुंच गई।

<p>Flat</p>- India TV Paisa Image Source : FILE Flat

Inflation hits real estate: देश के आठ प्रमुख शहरों में जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान आवासीय इकाइयों की कीमतों में सालाना आधार पर 11 प्रतिशत तक की वृद्धि दर्ज की गई है। इस दौरान मांग बढ़ने और निर्माण लागत में तीव्र बढ़ोतरी से घरों की कीमतें बढ़ीं। रियल एस्टेट डेवलपरों के संगठन क्रेडाई, रियल एस्टेट सलाहकार फर्म कोलियर्स और डेटा विश्लेषक फर्म लियासे फोरस की एक साझा रिपोर्ट में यह निष्कर्ष निकाला गया है। इन तीनों ने मिलकर पहली बार घरों की कीमतों पर निगरानी रखने संबंधी रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर के इलाके में सबसे ज्यादा 11 प्रतिशत कीमतें बढ़ीं और जनवरी-मार्च तिमाही में आवासीय इकाइयों की कीमत 7,363 रुपये प्रति वर्ग फुट तक पहुंच गई। 

कीमत बढ़ोतरी के मामले में हैदराबाद दूसरे स्थान पर 

हैदराबाद में एक साल पहले की तुलना में जनवरी-मार्च, 2022 की अवधि में आवासीय इकाइयों की कीमत नौ प्रतिशत बढ़कर 9,232 रुपये प्रति वर्ग फुट पहुंच गई। इस तिमाही में अहमदाबाद में कीमतें आठ प्रतिशत बढ़कर 5,721 रुपये प्रति वर्ग फुट और कोलकाता में छह प्रतिशत बढ़कर 6,245 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गईं। हालांकि बेंगलुरु, चेन्नई और मुंबई महानगर क्षेत्र में घरों की कीमतों में सिर्फ एक प्रतिशत की ही बढ़ोतरी देखी गई। इन तीनों रियल एस्टेट बाजारों में आवासीय इकाइयों की कीमत क्रमशः 7,595 रुपये, 7,107 रुपये और 19,557 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गई। पुणे में घरों की कीमत में एक साल पहले की तुलना में तीन प्रतिशत की तेजी देखी गई और यह 7,485 रुपये प्रति वर्ग फुट पर पहुंच गई।

घरों की मांग में तेजी आई

क्रेडाई, कोलियर्स एवं लियासे फोरस ने एक साझा बयान में कहा, अधिकांश शहरों में घरों की मांग में तेजी आई है। इसके अलावा पिछले दो साल से निर्माण सामग्रियों के भाव भी आसमान छूने लगे हैं। इसकी वजह से सालाना आधार पर घरों के दाम सभी आठों शहरों में कोविड-पूर्व स्तर से आगे निकल चुके हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में औसत आवासीय कीमतें लंबी सुस्ती के बाद जनवरी-मार्च, 2022 की तिमाही में एक साल पहले की तुलना में चार प्रतिशत बढ़ गईं। यह दर्शाता है कि आवास बाजार अब पुनरुद्धार की राह पर चल पड़ा है। ब्याज दरों में हालिया वृद्धि के बावजूद घरों की बिक्री में तेजी बनी रहेगी।

निर्माण लागत बढ़ने से कीमत बढ़ाना मजबूरी 

अंतरिक्ष इंडिया ग्रुप के सीएमडी राकेश यादव ने बताया कि स्टील, छड़, सीमेंट समेत घर के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले तमाम उत्पाद की कीमत में बड़ा उछाल है। इससे प्रोजेक्ट का निर्माण लागत 30 फीसदी तक बढ़ गया है। इसके साथ ही लेबर कॉस्ट भी कोरोना के बाद तेजी से बढ़ी है। ऐसे में अगर प्रोजेक्ट को पूरा करना है तो कीमत बढ़ाना मजबूरी है। इसके बिना प्रोजेक्ट को पूरा नहीं किया जा सकता है। हालांकि, हम अभी भी कम से कम बोझ घर खरीदारों पर डालना चाहते हैं जिससे बाजार का सेंटीमेंट सही रहे।

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