नई दिल्ली। देश में आम लोगों पर महंगाई की मार और बढ़ सकती है। दरअसल, इंडोनेशिया ने 28 अप्रैल से पाम ऑयल के निर्यात पर रोक लगाने का फैसला किया है। यह प्रतिबंध अगले आदेश तक जारी रहेगा। भारत बड़ी मात्रा में पाम ऑयल का आयात करता है। इंडोनेशिया के इस कदम से देश में खाने के तेल का दाम 20 फीसदी तक बढ़ सकता है।
70 फीसदी पाम ऑयल इंडोनीशिया से खरीदता है भारत
भारत अपने कुल आयात का 70 फीसदी पाम ऑयल इंडोनीशिया से खरीदता है। वहीं 30 फीसदी मलेशिया से खरीदता है। मौजूदा वक्त में भारत करीब 90 लाख टन पाम तेल का आयात करता है। मलेशिया से आयातित होता है। 2020-21 में भारत ने 83.1 लाख टन पाम तेल आयात किया था। विशेषज्ञों का कहना है कि अब इंडोनेशिया के इस कदम के बाद भारत में पाम तेल का आयात बुरी तरह प्रभावित होगा। ऐसे में आने वाले दिनों में देश में खाने के तेल का भाव और बढ़ने की आशंका है। इसका सीधा असर महंगाई की मार से त्रस्त आम जनता पर पड़ेगी।
इंडोनेशिया क्यों बंद कर रहा है निर्यात
दरअसल, इन दिनों इंडोनेशिया भारी महंगाई की मार झेल रहा है। गुरुवार को ही इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में सैकड़ों लोगों ने खाने की चीजों की महंगाई के विरोध में प्रदर्शन किया है। ऐसे में इंडोनेशिया ने घरेलू कमी को कम करने और आसमान छूती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए खाद्य तेल और उसके कच्चे माल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है।
घरेलू बाजार में तेजी का रुख
इंडोनेशिया से निर्यात रोकने की खबर के बाद घरेलू स्तर पर सभी खाद्य तेलों में मजबूती रही। सरसों तिलहन में 100 रुपये प्रति क्विंटन की तेजी रही, मूंगफली तेल मिल डिलीवरी 50 रुपये प्रति क्विंटल और मूंगफली सॉल्वेंट रिफाइंड तेल 15 रुपये प्रति टिन बढ़ गया। सोयाबीन तेल मिल डिलीवरी 150 रुपये प्रति क्विंटल, सोयाबीन मिल डिलीवरी 200 रुपये और सोयाबीन तेल डीगम 150 रुपये प्रति क्विंटल तेज हो गया। पामोलिन आरबीडी 300 रुपये प्रति क्विंटल और पामोलिन एक्स कांडला 400 रुपये प्रति क्विंटल तक चढ़ गया।
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