IndiGo: किसी कर्मचारी का दूसरी कंपनी में जॉब इंटरव्यू देना कोई नई बात नहीं है। लेकिन यदि कंपनी के अधिकांश कर्मचारी दूसरी प्रतिद्वंदी कंपनी में इंटरव्यू के लिए चले जाएं तो भट्ठा बैठना तय है। बीते शनिवार को कुछ ऐसा ही इंडिगो एयरलाइंस (IndiGo) के साथ हुआ। इंडिगो के यात्री अपनी फ्लाइट उड़ने का इंतजार करते रह गए और कंपनी के इंप्लॉई सिक लीव डालकर एयर इंडिया (Air India) की भर्ती में चला गया। फिर क्या था, हजारों यात्री इंतजार करते रहे और इंडिगो के करीब आधे यानि 900 से अधिक विमान देरी से उड़े।
अब इस मामले पर नागरिक उड्डयन महानिदेशालय यानी डीजीसीए (DGCA) ने सख्ती दिखाते हुए इंडिगो से जवाब मांगा है। इंडिगो की तरफ से अभी तक इस पर कोई जवाब नहीं आया है। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि इंडिगो की करीब 50 फीसदी फ्लाइट्स प्रभावित हुई हैं। बताया जा रहा है कि इनकी संख्या देशभर में करीब 900 तक हो सकती है।
बीमारी की छुट्टी लेकर हुआ मास बंक
शनिवार को इंडिगो का हाल एक वैसे क्लासरूम के जैसा था, जिसके ज्यादातर छात्र क्लास बंक कर बाहर घूमने फिरने निकल गए थे। शनिवार को इंडिगो की घरेलू उड़ानों में से 55 प्रतिशत शनिवार को देरी से चलीं। सूत्रों के मुताबिक बड़ी संख्या में चालक दल के सदस्यों ने बीमारी की छुट्टी की एप्लीकेशन डाल दी थी।
एयरइंडिया के इंटरव्यू में गए थे कर्मचारी?
सूत्रों ने बताया कि चालक दल के संबंधित सदस्य बीमारी के नाम पर छुट्टी लेकर एक भर्ती अभियान में शामिल होने चले गए थे। उद्योग के सूत्रों ने कहा कि एअर इंडिया के भर्ती अभियान का दूसरा चरण शनिवार को आयोजित किया गया था। इस भर्ती में ज्यादातर कर्मचारी इंडिगो के थे। इस मामले के बारे में पूछे जाने पर नागर विमानन महानिदेशालय (Director General Civil Aviation) के प्रमुख अरुण कुमार ने कहा, ''हम इसे देख रहे हैं।''
1600 में से 900 फ्लाइट लेट
इंडिगो भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी है। यह कंपनी रोजाना लगभग 1,600 उड़ान- घरेलू और अंतरराष्ट्रीय, संचालित करती है। नागर विमानन मंत्रालय की वेबसाइट के मुताबिक, इंडिगो की 45.2 प्रतिशत घरेलू उड़ानें शनिवार को समय पर संचालित हुईं। इसकी तुलना में शनिवार को एअर इंडिया, स्पाइसजेट, विस्तारा, गो फर्स्ट और एअरएशिया इंडिया की क्रमश: 77.1 फीसदी, 80.4 फीसदी, 86.3 फीसदी, 88 फीसदी और 92.3 फीसदी उड़ानों का परिचालन समय पर हुआ।
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