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भारतीय महिलाएं बच्चों की शिक्षा और रिटायरमेंट प्लानिंग को देती हैं प्राथमिकता, डीबीएस बैंक-क्रिसिल की लेटेस्ट स्टडी

डीबीएस बैंक इंडिया ने क्रिसिल के साथ साझेदारी में एक लेटेस्ट स्टडी में यह भी सामने आया कि रिटायरमेंट योजना को 35-45 साल की आयु वर्ग में पहली बार शामिल होते देखा जा रहा है।

भारतीय महानगरों में लगभग 47% कमाने वाली महिलाएं स्वतंत्र वित्तीय फैसले लेती हैं।- India TV Paisa Image Source : FILE भारतीय महानगरों में लगभग 47% कमाने वाली महिलाएं स्वतंत्र वित्तीय फैसले लेती हैं।

भारत के बड़े शहरों में लंबी अवधि के पारिवारिक फैसलों में महिलाएं सक्रिय रूप से भाग लेती हैं। शहरी भारतीय महिलाओं की योजना बनाने, प्राथमिकता देने और अपने पैसे का प्रबंधन करने के तरीके को समझने के अग्रणी प्रयास में, डीबीएस बैंक इंडिया ने क्रिसिल के साथ साझेदारी में एक लेटेस्ट स्टडी में काफी रोचक बातें निकलकर सामने आई हैं। महिला और वित्त नाम से एक व्यापक स्टडी में यह बात निकलकर सामने आई कि शहरी आबादी में भारतीय महिलाएं बच्चों की शिक्षा और रिटायरमेंट प्लानिंग को प्राथमिकता देती हैं।

महिलाएं स्वतंत्र वित्तीय फैसले लेती हैं

खबर के मुताबिक, स्टडी में उम्र, इनकम, वैवाहिक स्थिति, आश्रितों की मौजूदगी और घर का स्थान जैसे कारक महिलाओं के वित्तीय व्यवहार को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारकों के रूप में सामने आए। इसके मुताबिक, भारतीय महानगरों में लगभग 47% कमाने वाली महिलाएं स्वतंत्र वित्तीय फैसले लेती हैं, जबकि 98% लंबी अवधि के पारिवारिक फैसलों में सक्रिय रूप से भाग लेती हैं। लाइवमिंट की खबर के मुताबिक, महिलाएं, खासतौर से 45 साल से अधिक आयु की महिलाएं, बच्चों की शिक्षा और सेवानिवृत्ति योजना जैसे लक्ष्यों को प्राथमिकता देते हुए फैसले लेने में उभर रही हैं।

कम जोखिम वाले साधनों को प्राथमिकता

एक और खास बात यह भी सामने आई कि निवेश के मामले में, कामकाजी भारतीय महिलाएं अक्सर जोखिम लेने से बचती हैं। एफडी (51%) और बचत खातों जैसे कम जोखिम वाले साधनों को प्राथमिकता देती हैं। होम लोन उधार लेने का पसंदीदा विकल्प है, और महिलाएं यूपीआई जैसे डिजिटल भुगतान तरीकों के प्रति बढ़ती प्राथमिकता प्रदर्शित कर रही हैं। यह वित्तीय मामलों में सक्रिय योजनाकारों के रूप में भारतीय महिलाओं की बढ़ती भूमिका को रेखांकित करता है।

बदलने लगी हैं प्राथमिकता

यह रिपोर्ट महानगरीय महिलाओं की कमाई के बढ़ते सशक्तिकरण की एक दिलचस्प झलक पेश करती है। पूरे भारत में, एक महिला की प्राथमिक दीर्घकालिक वित्तीय प्राथमिकता उम्र के साथ विकसित होती है। 25-35 साल के बीच के लोगों के लिए घर खरीदना/अपग्रेड करना पहली प्राथमिकता है, जबकि 35-45 वर्ष की कैटेगरी के लोगों के लिए बच्चों की शिक्षा और 45 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों के लिए चिकित्सा देखभाल शामिल है। रिटायरमेंट योजना को 35-45 साल की आयु वर्ग में पहली बार शामिल होते देखा जा रहा है।

अध्ययन में महिलाओं द्वारा विभिन्न बैंकिंग और भुगतान चैनलों के उपयोग पर भी गहराई से चर्चा की गई। 25-35 आयु वर्ग के 33% लोग ऑनलाइन शॉपिंग के लिए UPI का उपयोग करना पसंद करते हैं, जबकि 45 वर्ष से ऊपर के केवल 22% लोग ही UPI का इस्तेमाल करते हैं।

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