A
Hindi News पैसा बिज़नेस शेयर बाजार ने 5 साल में लगाई जबरदस्त छलांग, 1 अरब डॉलर से ज्‍यादा एम-कैप वाली कंपनियों की संख्या इतनी हुई

शेयर बाजार ने 5 साल में लगाई जबरदस्त छलांग, 1 अरब डॉलर से ज्‍यादा एम-कैप वाली कंपनियों की संख्या इतनी हुई

इक्विटी में बचत अभी भी भारतीय परिवारों में कुल निवेश का एक छोटा सा हिस्सा है। भारत के घरेलू बचत डेटा के हमारे स्वामित्व विश्‍लेषण से पता चलता है कि घरेलू संपत्ति और वार्षिक बचत के प्रतिशत के रूप में इक्विटी होल्डिंग्स और प्रवाह 5 प्रतिशत से कम है।

Indian Stock Market - India TV Paisa Image Source : PTI भारतीय शेयर बाजार

भारतीय शेयर बाजार ने पिछले 5 सालों में जबरदस्त छलांग लगाई है। स्टॉक मार्केट में शानदार तेजी ने कंपनियों के मार्केट कैप में बड़ा उलटफेर किया है।  आपको बता दें कि 2019 के बाद से 1 अरब डॉलर से अधिक मार्केट कैप वाले शेयरों की संख्या लगभग दोगुनी होकर 500 हो गई है। विदेशी ब्रोकरेज जेफरीज की रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है। रिपोर्ट के अनुसार, सबसे बड़े कैप स्टॉक (50 अरब डॉलर से ज्‍यादा) अभी भी कम हैं, अधिकांश सबसे बड़े कैप भी प्राइवेट सेक्टर से हैं और अच्छी तरह से चल रहे हैं।

इमर्जिंग मार्केट्स में सबसे ज्यादा रिटर्न 

जेफरीज ने कहा है कि दुनिया के प्रमुख इमर्जिंग मार्केट्स (ईएम) में भारतीय इक्विटी बाजार एकमात्र ऐसा बाजार है, जिसने पिछले 5 वर्ष/10 वर्ष/15 वर्ष/20 वर्ष की अवधि में लगातार 10 फीसदी से ज्‍यादा वार्षिक रिटर्न दिया है। हमारा मानना है कि 10 फीसदी से ज्‍यादा अमेरिकी डॉलर रिटर्न टिकाऊ प्रतीत होता है, क्योंकि भारत एक मल्टी-ईयर साइकिल अपट्रेंड देख रहा है। भारत की इक्विटी 2014 के बाद से वैश्विक ईएम सक्रिय फंडों के स्वामित्व में सबसे अधिक है।

विदेशी निवेश अभी भी काफी कम 

रिपोर्ट में कहा गया है, "चूंकि एमएससीआई ईएम में भारत का वजन बढ़ गया है, इसलिए विदेशी निवेशकों ने अभी भी भारतीय इक्विटी को उसी अनुपात में नहीं बढ़ाया है, जिसके कारण वैश्विक ईएम फंडों की स्वामित्व वाली स्थिति सबसे कम है, हमारा मानना है कि आगे चलकर इसमें बदलाव होना चाहिए। आगे कहा गया है कि इक्विटी में बचत अभी भी भारतीय परिवारों में कुल निवेश का एक छोटा सा हिस्सा है। भारत के घरेलू बचत डेटा के हमारे स्वामित्व विश्‍लेषण से पता चलता है कि घरेलू संपत्ति और वार्षिक बचत के प्रतिशत के रूप में इक्विटी होल्डिंग्स और प्रवाह 5 प्रतिशत से कम है।

म्यूचुअल फंड के प्रति बढ़ा निवेशकों का रुझान

भारत में म्यूचुअल फंड के माध्यम से इक्विटी में दीर्घकालिक बचत के प्रति बढ़ती जागरूकता के साथ जेफरीज का अनुमान है कि खुदरा से इक्विटी बाज़ारों में संरचनात्मक प्रवाह 30-35 अरब डॉलर प्रतिवर्ष है। रिपोर्ट में कहा गया है कि दरअसल, बचत पाई के भीतर सिर्फ पुनर्वितरण बाजार में खुदरा प्रवाह को बनाए रखने के लिए पर्याप्त है। इक्विटी में ऑटो-कटौती मासिक प्रवाह (एसआईपी) वार्षिक वृद्धिशील बैंक जमा का सिर्फ 10 प्रतिशत है और आगे हिस्सेदारी हासिल कर सकता है। 

मार्केट कैप के मामले में भी पांचवें स्थान पर

न केवल नॉमिनल जीडीपी के मामले में, बल्कि मार्केट कैप के मामले में भी भारत पांचवें स्थान पर है। भारत का मार्केट कैप 4.3 खरब डॉलर है, जो अमेरिका (44.7 खरब डॉलर), चीन (9.8 खरब डॉलर), जापान (6 खरब डॉलर) और हांगकांग (4.8 खरब डॉलर) से पीछे है। भारत की मार्केट कैप जीडीपी के मुकाबले 1.2x है, जो अमेरिका और जापान जैसी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में अभी भी कम है, जो क्रमशः 1.9x और 1.4x पर हैं।

इनपुट: आईएएनएस

Latest Business News