Indian Rupee में गिरावट का दौर थमने का नहीं ले रहा है। आज हफ्ते के पहले कारोबारी दिन भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 47 पैसे टूटकर 81.56 के सर्वकालिक निचले स्तर पर कारोबार कर रहा है। हालांकि, ऐसा नहीं है कि सिर्फ भारतीय रुपये में गिरावट है। दुनियाभर की करेंसी में डॉलर के मुकाबले गिरावट देखने को मिल रही है। ब्रिटेन की नयी सरकार द्वारा करों में कटौती और खर्च को बढ़ावा देने की योजना सामने आने के बाद सोमवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले ब्रिटिश पाउंड में तेज गिरावट हुई। पाउंड सोमवार को शुरुआती कारोबार में 1.0349 प्रति अमेरिकी डॉलर के निचले स्तर तक गिर गया। हालांकि, बाद में इसमें थोड़ा सुधार हुआ और यह 2.3 प्रतिशत कमजोरी के साथ 1.0671 प्रति डॉलर के भाव पर था। इस तरह पाउंड, डॉलर के मुकाबले चार दशक के निचले स्तर पर है।
इस तरह पाउंड में आई बड़ी गिरावट
कर-कटौती योजना ने चिंताओं को जन्म दिया है कि सार्वजनिक उधारी बढ़ने से संकट और गहरा जाएगा। इसके चलते ब्रिटेन की मुद्रा में बड़ी गिरावट देखने को मिली है। ब्रिटेन की मुद्रा शुक्रवार को तीन प्रतिशत से अधिक टूटी थी। पाउंड 1980 के दशक की शुरुआत में देखे गए स्तरों पर कारोबार कर रहा है। हालांकि, इस दौरान अन्य मुद्राएं भी डॉलर के मुकाबले कमजोर हुई हैं।
रुपया टूटकर सर्वकालिक निचले स्तर 81.52 पर पहुंचा
अमेरिकी मुद्रा की मजबूती के बीच रुपया सोमवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 47 पैसे टूटकर 81.56 के सर्वकालिक निचले स्तर पर 2 बजे कारोबार कर रहा है। निवेशकों के बीच जोखिम से बचने की भावना से भी रुपये पर दबाव बना। जानकारों का कहना है कि दुनियाभर के मुद्रा में गिरावट यूक्रेन संघर्ष के कारण भू-राजनीतिक जोखिम बढ़ने, शेयर बाजारों में गिरावट और विदेशी कोषों की निकासी के चलते देखने को मिल रहा है। इसबीच छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.67 प्रतिशत बढ़कर 113.94 पर पहुंच गया। वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड वायदा 0.58 प्रतिशत गिरकर 85.65 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर था। इसके चलते रुपये में गिरावट देखने को मिल रही है।
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