भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भारतीय रेल ने खास इंतजाम किया है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बीते शनिवार को कहा कि श्रद्धालुओं के आवागमन को ध्यान में रखते हुए इस अवसर पर 315 विशेष रेलगाड़ियां चलाई जाएंगी। रेल मंत्री ने कहा कि भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के अवसर पर रेलवे द्वारा छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल और झारखंड जैसे विभिन्न राज्यों से महाप्रभु के श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए ओडिशा के सभी हिस्सों में कम से कम 315 विशेष रेलगाड़ियां चलाई जाएंगी।
15 लाख श्रद्धालुओं के लिए तैयारियां
खबर के मुताबिक, रेल मंत्रालय लगभग 15,000 लोगों के ठहरने के लिए एक होल्डिंग एरिया बनाने पर भी काम कर रहा है। श्रद्धालुओं के लिए की जा रही तैयारियों पर प्रकाश डालते हुए मंत्री ने कहा कि हम शौचालय परिसर और अस्थायी टिकटिंग केंद्र का निर्माण भी कर रहे हैं। इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक, हम श्रद्धालुओं की यात्रा को आसान बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। संख्या पर जोर देते हुए वैष्णव ने कहा कि कुल 15 लाख श्रद्धालुओं के लिए तैयारियां की जा रही हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य के करीब 25 जिलों से श्रद्धालु आएंगे और हमने सब कुछ व्यवस्थित कर लिया है। यहां तक कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी ओडिशा आ रही हैं, हम उनका गर्मजोशी से स्वागत करते हैं। इससे पहले 22 जून को स्नान पूर्णिमा के अवसर पर ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ मंदिर में हजारों श्रद्धालु उमड़े थे। भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा आगामी 7 जलाई को होगी।
त्योहार को जानें
स्नान पूर्णिमा ओडिशा का एक त्योहार है जिसमें भगवान जगन्नाथ को उनके भाई-बहनों के साथ गर्भगृह से बाहर स्नान मंडप में लाया जाता है। देवताओं को पवित्र जल के 108 घड़ों के साथ विशेष स्नान मंच पर औपचारिक स्नान कराया जाता है। फिर देवताओं को गजानन बेशा पहनाया जाता है। यानी उन्हें हाथी के सिर वाले देवता भगवान गणेश जैसा पहनाया जाता है। यह दुर्लभ अवसरों में से एक है जब देवता सार्वजनिक रूप से दिखाई देते हैं, जिससे भक्तों को प्रसिद्ध रथ यात्रा से पहले उन्हें करीब से देखने का मौका मिलता है।
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