Budget 2023: भारतीय रेलवे अब नए बदलावों से गुजरने के लिये तैयार है, जहां वह आगे के 7 वर्षों में अपने विभाग में बेहतर बदलाव करने वाला है। रेलवे आगे के इन वर्षों में घिसी पिटी पटरियों को बदलने, स्टेशनों का पुननिर्माण, साफ-सफाई, सुरक्षित ट्रेनों के निर्माण आदि में बेहतरी से ध्यान देने वाला है, इसके लिये वह आगे के बजट में मेक इन इंडिया पर अधिक जोर देगा। बता दें कि मेक इन इंडिया कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिये रेलवे ने बजट से पूर्व मीटिंग में वित्त मंत्रालय से इसके लिए 25 % फीसद से 30 % फीसद तक के अधिक फंड की मांग की है, जहां संभावना है कि रेलवे को इसके लिये दो लाख करोड़ की धनराशि उपलब्ध कराई जा सकती है। इसके साथ ही मेक इंडिया कार्यक्रम को और बेहतरी से बढ़ावा देने के लिये रेलवे अपने फंड में 20 % फीसद से अधिक की वृद्धि कर सकता है।
कोविड को पीछे छोड़ आगे बढ़ रहा रेलवे
बता दें कि रेलवे ने कोविड के कारण आयी चुनौतियों को पीछे छोड़ते हुये पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष 42 हजार करोड़ का राजस्व प्राप्त किया है। इस दौरान रेलवे की आय 71 % फीसद तक बढ़ी है। वहीं रेलवे अब आय बढ़ाने के लिये ट्रेनों के निर्माण के लिये घरेलू इंफ्रास्ट्रक्चर पर कार्य करने वाला है। भारतीय रेलवे अब अपनी आवश्यकताओं का 97 से 98 % फीसद घरेलू निर्माण से पूरा करता है।
मेक इन इंडिया के ये हैं परिणाम
बता दें कि चेन्नई स्थित इंटीग्रल फैक्ट्री से हर महीने 7 से 8 वंदे भारत ट्रेनों का निर्माण हो रहा है, इसके पहले इस फैक्ट्री ने स्वदेशी ट्रेन का सेट सिर्फ डेढ़ साल में डिजाइन कर दिया था। इसके साथ ही 75 वंदे भारत ट्रेनों के चलाने का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए कपूरथला और रायबरेली की फैक्टरियों से भी वंदे भारत ट्रेनों का निर्माण जल्द शुरू होने वाला है, साथ ही बेला स्थित रेल व्हील प्लांट, बेंगलुरु की रेल व्हील फैक्टरी भी बढ़िया आपूर्ति कर रहे हैं।
सुरक्षा कवच को जल्द निर्यात कर सकता है रेलवे
रेलवे ने देशी तकनीक से विकसित उपकरण के जरिये दुर्घटनाओं को शून्य करने का लक्ष्य रखा है, सिग्नल की अनदेखी और चालकों की गलतियों से होने वाली घटनाओं को रोकने के लिए रेलवे ने स्वदेशी प्रणाली कवच को विकसित किया है, जिसके निर्यात की तैयारी फिलहाल में भारतीय रेलवे कर रहा है।
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