विदेशी मुद्रा भंडार के मोर्चे पर भारत को इस वर्ष की शुरुआत में झटका लगा है। आरबीआई द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, पांच जनवरी तक भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 5.89 अरब डॉलर की कमी आई है और यह घटकर 617.3 अरब डॉलर रह गया है। पिछले चार लगातार सत्रों में तेजी रहने के बाद इसमें गिरावट आई है।
विदेश मुद्रा भंडार में वृद्धि
रिजर्व बैंक के अनुसार इस वित्तवर्ष में अब तक मुद्राभंडार में 55.72 अरब डॉलर की वृद्धि हुई है। मुद्रा भंडार 29 दिसंबर को समाप्त पिछले सप्ताह में 2.76 अरब डॉलर बढ़कर 623.2 अरब डॉलर हो गया था, जो कि इस वित्त वर्ष में विदेशी मुद्रा भंडार का अब तक का सबसे अधिक स्तर है। उससे पहले सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 4.47 अरब डॉलर बढ़कर 620.44 अरब डॉलर हो गया था।
अक्टूबर 2021 में छुआ था उच्चतम स्तर
देश का विदेशी मुद्रा भंडार अक्टूबर 2021 में 645 अरब डॉलर के अपने सबेस उच्चस्तर पर पहुंच गया था। हालांकि, बीते साल वैश्विक उथलपुथल होने के कारण उत्पन्न स्थिति के बीच आरबीआई ने पूंजी भंडार का उपयोग बाजार में जरूरी हस्तक्षेप के लिए किया। इससे मुद्राभंडार में कमी देखने को मिली थी।
आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, 29 दिसंबर को समाप्त सप्ताह में, विदेशी मुद्रा भंडार का एक प्रमुख घटक, फॉरेन करेंसी एसेट्स 4.96 अरब डॉलर घटकर 546.65 अरब डॉलर रहा। डॉलर में अभिव्यक्त की जाने वाली फॉरेन करेंसी एसेट्स में यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में घट-बढ़ के प्रभावों को शामिल किया जाता है।
गोल्ड रिसर्व में आई कमी
रिजर्व बैंक के अनुसार स्वर्ण भंडार का मूल्य 83.9 करोड़ डॉलर घटकर 47.48 अरब डॉलर हो गया। विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 6.7 करोड़ डॉलर घटकर 18.29 अरब डॉलर रहा। वहीं, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास रखा देश का मुद्रा भंडार 2.6 करोड़ डॉलर घटकर 48.66 अरब डॉलर रह गया।
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