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Hindi News पैसा बिज़नेस दुनिया की इन दिग्गज कंपनियों को चलाते हैं भारतीय, मार्केट वैल्यू भारत की GDP से भी ज्यादा

दुनिया की इन दिग्गज कंपनियों को चलाते हैं भारतीय, मार्केट वैल्यू भारत की GDP से भी ज्यादा

कॉरपोरेट जगत में भारतीयों की ताकत का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं ​कि उनके मातहत चल रही सिर्फ टॉप 25 कंपनियों को चुन लें तो उनकी मार्केट वैल्यू 5 ट्रिलियन डॉलर के पार निकल जाएगी।

दुनिया की दिग्गज कंपनियों की कमान भारतीयों के हाथ में है - India TV Paisa Image Source : FILE दुनिया की दिग्गज कंपनियों की कमान भारतीयों के हाथ में है

भारत भले ही इकोनॉमिक सुपर पावर बनने की रेस में कुछ पायदान पीछे हो, लेकिन दुनिया के कॉरपोरेट जगत में भारत का डंका बोल रहा है। सिर्फ माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, यूट्यूब जैसी आईटी कंपनियों में ही भारतीय पेशेवरों का बोलबाला नहीं है, बल्कि फेडएक्स, स्टारबक्स और डेलॉइट जैसी कंपनियों की कमान भी भारतीय मूल के लोगों के हाथ में है। भारतीयों की इस ताकत का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं ​कि उनके मातहत चल रही सिर्फ टॉप 25 कंपनियों को चुन लें तो उनकी मार्केट वैल्यू 5 ट्रिलियन डॉलर के पार निकल जाएगी। यह आंकड़ा करीब 3.5 ट्रिलियन डॉलर वाली भारत की अर्थव्यवस्था से भी कहीं अधिक है। आइए दुनिया की ऐसी ही कुछ कंपनियों पर नजर डालते हैं, जो भारतीयों के इशारे पर चल रही हैं। 

नील मोहन, यूट्यूब

भारतीय मूल के अमेरिकी नील मोहन इसी साल यूट्यूब के सीईओ बने हैं। नील मोहन वर्ष 2008 में गूगल से जुड़े थे। उन्होंने स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग में बैचलर डिग्री हासिल की है। इसके बाद स्टेनफोर्ड ग्रेजुएट स्कूल से MBA किया। वह गूगल (Google) से जुड़ने से पहले करीब छह साल तक डबलक्लिक से जुड़े थे। साल 2008 में गूगल ने डबलक्लिक का अधिग्रहण कर लिया। जिसके बाद साल 2015 से वह यूट्यूब के चीफ प्रोडक्ट ऑफिसर के पद पर थे। इस पद पर रहते हुए उन्होंने यूट्यूब प्लेटफॉर्म के लिए कई खास फीचर जैसे शॉर्ट्स, म्यूजिक स्टूडियो आदि लेकर आए हैं।

सुंदर पिचाई, गूगल-अल्फाबेट 

सुंदर पिचाई दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों की लिस्ट में शामिल गूगल के सीईओ है। इसके साथ ही वह इस कंपनी की मूल कंपनी अल्फाबेट के भी प्रमुख हैं। उन्होंने 2004 में गूगल को ज्वाइन किया था। पिचाई ने गूगल के सीईओ पद को साल 2015 में संभाला था। गूगल क्रोम बनाने में उनकी अहम भूमिका है, जिसका लोहा सभी मानते हैं।

शांतनु नारायण, एडोब

दुनिया के बड़ी कंपनी एडोब के CEO भी भारतीय मूल के हैं। उनका नाम है शांतनु नारायण। हैदराबाद में जन्मे शांतनु नारायण ने 1998 में एडोब के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट का पद संभाला था। उन्हें भारत सरकार ने 2019 में देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मश्री से भी सम्मानित किया था।

सत्य नडेला, माइक्रोसॉफ्ट

सत्य नडेला दुनिया की बड़ी कंपनियों में शामिल माइक्रोसॉफ्ट के CEO हैं। उनका जन्म तेलंगाना में हुआ था। उनके कार्यकाल के दौरान माइक्रोसॉफ्ट के शेयरों की कीमत में सात गुना से अधिक इजाफा हुआ और कंपनी का मार्केट कैप 2 लाख करोड़ डॉलर के करीब पहुंच गया। 

अरविंद कृष्णा, आईबीएम

दिग्गज टेक कंपनी आईबीएम की कमान 1990 से ही भारतीय मूल के अरविंद कृष्णा के हाथों में है। वह आईबीएम के चेयरमैन और सीईओ हैं। आईबीएम में वह पिछले 30 साल से काम कर रहे हैं। उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ इलनॉइज, अर्बाना शैंपेन से इलेक्ट्रिकल और कंप्यूटर इंजीनियरिंग में पीएच.डी. की पढ़ाई की है।

थॉमस कुरियन, गूगल क्लाउड

भारतीय पेशेवर थॉमस कुरियन गूगल के क्लाउड विभाग के मुखिया हैं। कुरियन ने न्यूयॉर्क में मैकिन्जी एंड कंपनी के साथ करियर की शुरुआत की थी। इसके बाद उन्होंने ऑरेकल के साथ पारी शुरू की। वे भारत के केरल से हैं। उनकी स्कूलिंग बेंगलुरु से हुई और आईआईटी मद्रास से उन्होंने डिग्री हासिल की है। 17 साल की उम्र में ही वह अपने भाई जॉर्ज कुरियन के साथ अमेरिका शिफ्ट हो गए थे।

जॉर्ज कुरियन, नेटऐप 

थॉमस कुरियन के भाई जॉर्ज कुरियन नेटऐप कंपनी के सीईओ हैं। उन्होंने नेटऐप कंपनी को जून 2015 में ज्वाइन किया था। नेटऐप में आने से पहले जॉर्ज कुरियन सिस्को सिस्टम्स के जनरल मैनेजर हुआ करते थे। 

लक्ष्मण नरसिम्हन, स्टारबक्स

लक्ष्मण नरसिम्हन दुनिया की मशहूर कॉफी चेन स्टाबक्स के सीईओ हैं। पुणे में जन्मे नरसिम्हन ने मैकेंजी के साथ कैरियर की शुरुआत की थी। इसके बाव वे पेप्सीको के चीफ कॉमर्शियल अफीसर भी नियुक्त हुए। 

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