नयी दिल्ली। देश का बजट इस साल भी हरित होगा। कोविड महामारी की वजह से एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के कर प्रस्तावों की प्रस्तुति और वित्तीय विवरण से जुड़े दस्तावेजों की बड़ी संख्या में छपाई इस बार भी नहीं होगी। अधिकारियों ने कहा कि बजट दस्तावेज ज्यादातर डिजिटल रूप में उपलब्ध होंगे। भौतिक रूप से इसकी कुछ ही प्रति उपलब्ध होगी। बजट दस्तावेज की कई सौ प्रतियों की छपाई होती रही है।
संख्या के हिसाब से यह इतनी विस्तृत प्रक्रिया थी कि छपाई से जुड़े कर्मचारियों को भी नॉर्थ ब्लॉक के ‘बेसमेंट’ में प्रिंटिंग प्रेस के अंदर कम से कम कुछ सप्ताह के लिए पृथक रहना पड़ता था। वित्त मंत्रालय का दफ्तर नॉर्थ ब्लॉक में ही है। कर्मचारियों के घर-परिवार से अलग रहने और बजट दस्तावेज की छपाई का काम परंपरागत ‘हलवा समारोह’ से शुरू होता रहा है। इस कार्यक्रम में वित्त मंत्री, वित्त राज्य मंत्री और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होते हैं।
मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से, बजट प्रतियों की छपाई कम होती गयी। शुरू में पत्रकारों और बाहरी विश्लेषकों को वितरित की जाने वाली प्रतियों में कमी की गयी और फिर महामारी का हवाला देते हुए लोकसभा और राज्यसभा सांसदों को दी जाने वाली प्रति घटायी गयी। इस साल कोविड-19 के नये स्वरूप ओमीक्रोन को लेकर और पाबंदियां लगायी गयी हैं। सूत्रों के अनुसार महामारी के कारण ही परंपरागत हलवा समारोह को भी छोड़ दिया गया है। हालांकि, बजट दस्तावेजों के संकलन को डिजिटल रूप देने के लिए कर्मचारियों के एक छोटे समूह को पृथक रहने की जरूरत होगी।
बजट दस्तावेज में आम तौर पर संसद में किये जाने वाले वित्त मंत्री के भाषण, मुख्य बातें, वार्षिक वित्तीय विवरण, कर प्रस्तावों वाले वित्त विधेयक, वित्तीय विधेयक में प्रावधानों की व्याख्या करने वाला ज्ञापन और वृहत आर्थिक रूपरेखा ब्योरा शामिल होते हैं। इनमें मध्यम अवधि की राजकोषीय नीति सह राजकोषीय नीति रणनीति बयान, योजनाओं के लिए परिणाम रूपरेखा, सीमा शुल्क अधिसूचना, पिछली बजट घोषणाओं का कार्यान्वयन, प्राप्ति बजट, व्यय बजट और बजट अनुमानों का विवरण भी शामिल होता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी, 2022 को अपना चौथा बजट पेश करेंगी।
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