Semiconductor Production in India: भारत सेमीकंडक्टर के लिए काफी अधिक चीन पर निर्भर है। हालांकि भारत में भी इसके प्रोडक्शन को बढ़ाने के लिए लगातार काम चल रहा है। अमेरिकी वाणिज्य मंत्री जीना रायमोंडो ने बृहस्पतिवार को कहा कि सेमीकंडक्टर क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए वह भारत के साथ एक सहमति पत्र (MOU) पर हस्ताक्षर करेंगी। भारत में इस क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं। कई अमेरिकी कंपनियों की इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर पार्ट में सप्लाई चेन में विविधता लाने और अधिक लचीला होने की 'प्रबल' इच्छा है। दोनों देश एक सेमीकंडक्टर प्रोत्साहन कार्यक्रम लागू कर रहे हैं, और हमने चर्चा की कि दोनों पक्ष भारत और अमेरिका के हित में इनके बीच तालमेल कैसे स्थापित कर सकते हैं।
अमेरिकी वाणिज्य मंत्री ने दी जानकारी
अमेरिकी वाणिज्य मंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि हम किस तरह सेमीकंडक्टर के बारे में जानकारी साझा कर सकते हैं और दोनों देशों के बीच सेमीकंडक्टर वाणिज्यिक अवसरों के बारे में हमने बात की। हमने उन नीतियों को लेकर लगातार संवाद करने पर चर्चा की, जिनसे सेमीकंडक्टर पारिस्थितिक तंत्र में निजी निवेश को प्रोत्साहित किया जा सकता है। इस बातचीत में दोनों देशों के बीच संयुक्त उद्यमों या आईटी साझेदारी के अवसरों का पता लगाना भी शामिल है। हम निकट अवधि के साथ ही लंबी अवधि के रणनीतिक अवसरों की भी तलाश कर रहे हैं। दोनों देशों को इलेक्ट्रॉनिक सप्लाई चेन में एक बड़ी भूमिका निभानी होगी और इसके लिए इस यात्रा के दौरान मैं सेमीकंडक्टर से संबंधित जिस एमओयू पर हस्ताक्षर करूंगी, उससे इस लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी।
काम में पारदर्शिता लाने के दोनों देश पक्षधर
उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों ने अपने प्रोत्साहनों में पारदर्शिता लाने, अपनी सेमीकंडक्टर पहल को संचालित करने के तरीकों में समन्वय और सहयोग करने जैसे मुद्दों पर चर्चा की है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं। रायमोंडो ने कहा, ''अगर हम अपने प्रोत्साहन कार्यक्रमों के कार्यान्वयन में सहयोग करते हैं, तो हमें बेहतर लाभ मिल सकता है।'' वह 10 मार्च को होने वाली भारत-अमेरिका वाणिज्यिक वार्ता और भारत-अमेरिका सीईओ फोरम की बैठक के लिए यहां आईं हैं।
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