भारत और चार देशों के यूरोपीय समूह ‘EFTA’ वस्तुओं, सेवाओं और निवेश में परस्पर व्यापार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से रविवार को एक मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर हस्ताक्षर करेंगे। यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ यानी ईएफटीए के सदस्य आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस समझौते को सात मार्च को केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंजूरी मिल गई। भारत और ईएफटीए आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए जनवरी, 2008 से आधिकारिक तौर पर व्यापार और आर्थिक साझेदारी समझौते (टीईपीए) समझौते पर बातचीत कर रहे हैं।
समझौते में हैं 14 अध्याय
समझौते में 14 अध्याय हैं। इनमें माल में व्यापार, उत्पत्ति के नियम, बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर), सेवाओं में व्यापार, निवेश प्रोत्साहन और सहयोग, सरकारी खरीद, व्यापार में तकनीकी बाधाएं और व्यापार सुविधा शामिल हैं। ईएफटीए के कनाडा, चिली, चीन, मैक्सिको और कोरिया सहित 40 भागीदार देशों के साथ 29 एफटीए हैं। मुक्त व्यापार समझौते के तहत, दो व्यापारिक साझेदार सेवाओं और निवेश को बढ़ावा देने के लिए मानदंडों को आसान बनाने के अलावा, उनके बीच व्यापार की जाने वाली वस्तुओं की अधिकतम संख्या पर सीमा शुल्क को काफी कम या समाप्त कर देते हैं।
EFTA देशों को बढ़ा भारत का एक्सपोर्ट
ईएफटीए देश यूरोपीय संघ (EU) का हिस्सा नहीं हैं। यह मुक्त व्यापार को बढ़ावा देने और तेज करने के लिए एक अंतर-सरकारी संगठन है। इसकी स्थापना उन देशों के लिए एक विकल्प के रूप में की गई थी, जो यूरोपीय समुदाय में शामिल नहीं होना चाहते थे। ईएफटीए देशों को भारत का निर्यात 2021-22 में 1.74 अरब डॉलर के मुकाबले 2022-23 के दौरान 1.92 अरब डॉलर रहा। पिछले वित्त वर्ष के दौरान कुल आयात 16.74 अरब डॉलर था, जबकि 2021-22 में यह 25.5 अरब डॉलर था।
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