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Hindi News पैसा बिज़नेस भारत 2030-31 तक बन जाएगा दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी! 6.7% की दर से बढ़ेगी अर्थव्यवस्था

भारत 2030-31 तक बन जाएगा दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी! 6.7% की दर से बढ़ेगी अर्थव्यवस्था

एसएंडपी ग्लोबल की रिपोर्ट में कहा गया है कि मजबूत वृद्धि संभावनाओं और बेहतर रेगुलेशन के कारण शेयर बाजारों के गतिशील और प्रतिस्पर्धी बने रहने का अनुमान है। भारत के प्रमुख उभरते मार्केट इंडेक्स में शामिल होने के बाद से भारत सरकार के बॉन्ड में विदेशी निवेश में बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

सरकारी बॉन्ड में दर्ज की गई विदेशी निवेश में बढ़ोतरी- India TV Paisa Image Source : REUTERS सरकारी बॉन्ड में दर्ज की गई विदेशी निवेश में बढ़ोतरी

Indian Economy: भारत वित्त वर्ष 2030-31 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। दिग्गज अमेरिकी रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल की एक रिपोर्ट में ये अनुमान लगाया गया है। रेटिंग एजेंसी ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था के 6.7 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है। एसएंडपी ग्लोबल ने गुरुवार को एक रिपोर्ट में कहा, वित्त वर्ष 2023-24 में 8.2 प्रतिशत की ग्रोथ रेट के साथ बिजनेस ट्रांजैक्शन और लॉजिस्टिक्स में सुधार, प्राइवेट सेक्टर के इंवेस्टमेंट को बढ़ावा देने और सार्वजनिक पूंजी पर निर्भरता कम करने के लिए लगातार सुधारों की जरूरत है। 

सरकारी बॉन्ड में विदेशी निवेश में बढ़ोतरी

एसएंडपी ग्लोबल की रिपोर्ट में कहा गया है कि मजबूत वृद्धि संभावनाओं और बेहतर रेगुलेशन के कारण शेयर बाजारों के गतिशील और प्रतिस्पर्धी बने रहने का अनुमान है। भारत के प्रमुख उभरते मार्केट इंडेक्स में शामिल होने के बाद से भारत सरकार के बॉन्ड में विदेशी निवेश में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इसमें आगे भी बढ़ोतरी की उम्मीद है। ‘इंडिया फॉरवर्ड: इमर्जिंग पर्सपेक्टिव्स’ टाइटल वाली इस रिपोर्ट के पहले संस्करण में कहा गया है कि व्यापार लाभ को ज्यादा से ज्यादा करने के लिए भारत को बुनियादी ढांचे और भू-राजनीतिक रणनीतियों को विकसित करना होगा, खासकर अपने व्यापक समुद्र तट के संबंध में। 

भारत को मजबूत पोर्ट इंफ्रा की जरूरत

रिपोर्ट कहती है कि भारत का करीब 90 प्रतिशत व्यापार समुद्री मार्ग से होता है, जिससे बढ़ते निर्यात और थोक वस्तुओं के आयात को प्रबंधित करने के लिए मजबूत पोर्ट इंफ्रा की जरूरत है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत घरेलू ऊर्जा की बढ़ती मांग का सामना कर रहा है। इसमें कहा गया है कि बुनियादी ढांचे और उत्पादकता में सुधार के लिए कृषि उन्नत प्रौद्योगिकियों तथा नई नीतियों पर निर्भर रहेगी। खाद्य सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए सिंचाई, भंडारण और आपूर्ति वितरण जैसे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के मुद्दों से निपटने की जरूरत है।

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